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अंकिता भंडारी मामले का पुलिस ने किया खुलासा: भाजपा व संघ के वरिष्ठ नेता विनोद आर्य के बेटे ने साथियों के साथ मिलकर की अंकिता की हत्या, कस्टमर से सम्बन्ध बनाने के लिए अंकिता पर बनाता था दबाव, पढ़िए पूरी खबर

मनोज सैनी
ऋषिकेश। अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार श्री शेखर सुयाल ने बनतरा रिजॉर्ट गंगा भोगपुर से रहस्य मय तरीके से गायब हुई अंकिता भंडारी मामले का खुलासा किया है।

पत्रकारों को उक्त मामले की जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक श्री सुयाल ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस एवं सीसीटीवी फुटेज से गुमशुदा/ अपहृता अंकिता भण्डारी का रिजॉर्ट स्वामी पुलकित आर्य तथा मैनेजर सौरभ भाष्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ 18 सितम्बर की रात्रि 8.00 बजे से 9.00 बजे के बीच ऋषिकेश आना एवं वापस जाना प्रकाश में आया। रिजॉर्ट कर्मियों से पूछताछ करने पर प्रकाश में आया कि 18 सितम्बर की शाम को अंकिता भण्डारी काफी परेशान थी एवं एक कर्मी से फोन पर रोते हुये अपना बैग ऊपर लाने के लिए कह रही थी तथा वाट्सएप पर भी अंकिता भण्डारी ने रिजॉर्ट में अपने परिचित को बताई थी। रिजॉर्ट कर्मियों से पूछताछ पर यह तथ्य भी प्रकाश में आये कि अंकिता उपरोक्त तीनों के साथ रात्रि करीब 8.00 बजे रिजॉर्ट से गयी थी परन्तु रात 10.30 से 11.00 बजे के बीच उपरोक्त तीनों ही वापस आये थे अंकिता इनके साथ नहीं थी। उपरोक्त तीनों व्यक्तियों द्वारा खाने के लिये कुक को बताया और अंकिता का खाना रूम सर्विस द्वारा ना भेजकर अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता द्वारा स्वयं उसके कमरे में ले जाया गया। उपरोक्त साक्ष्यों के आधार पर उपरोक्त पुलकित आर्य पुत्र डा विनोद आर्य निवासी स्वदेशी भवन आर्यनगर, थाना ज्वालापुर, जनपद हरिद्वार (उम्र करीब 35 वर्ष) अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता पुत्र श्री राजेन्द्र कुमार गुप्ता निवासी 42 ए दयानंद नगरी थाना ज्वालापुर, जनपद हरिद्वार (उम्र करीब 19 वर्ष), सौरभ भाष्कर पुत्र श्री शक्ति भाष्कर निवासी 18 ए सूरजनगर, थाना ज्वालापुर, जनपद हरिद्वार (उम्र करीब 35 वर्ष) को आवश्यक पूछताछ हेतु थाने पर लाया गया जिनके द्वारा अपने जुर्म को कबूल करते हुये बताया कि 18 सितम्बर की शाम पुलकित व अंकिता रिजार्ट में थे तब पुलकित और अंकिता के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था तब पुलकित ने कहा कि अंकिता गुस्से में है इसे लेकर ऋषिकेश चलते हैं। जहां पर वह अलग-अलग गाडियों से गये। अकिंता मेरे साथ मोटरसाकिल पर बैठी थी, पुलकित और अंकित स्कूटी से गये। हम लोग बैराज होते हुए एम्स के पास पहुंचे। वापसी में पुलकित अंकिता को लेकर स्कूटी पर आया। मैं और अंकित साथ में आये। पुलकित अंकिता को लेकर आगे निकल गया। हम बैराज चौकी से करीब 1.5 किमी पहुंचे तो पुलकित अंधेरे में रुका था, हम भी रुक गये। तब हमने वहीं पर रुककर शराब पी व मोमो खाये। शराब मैने अंकित व पुलकित ने पी थी। चीला रोड पर नहर के किनारे बैठे हुए थे जब हम शराब पी रहे थे तो अंकिता व पुलकित के बीच फिर विवाद होने लगा। अंकिता हमें अपने साथियों के बीच बदनाम करती थी व हमारी बातें अपने साथियों को बताती थी कि हम उसे कस्टमर से सम्बन्ध बनाने के लिये कहते हैं। पुलकित ने अंकित से कहा कि तू हमारे बीच की बात अपने साथियों को क्यूं बताती है जिस पर वह गुस्सा हो गयी और अंकिता के साथ हमारी झड़प हो गयी। अंकिता कहने लगी कि मैं तुम्हारे रिजार्ट की हकीकत बयां कर दूंगी सारी बातें बता दूंगी और उसने पुलकित का मोबाईल नहर में फेंक दिया। इस पर हमे गुस्सा आ गया। हमें नशे में पता नहीं चला कि हम क्या कर रहे हैं। अंकिता हमसे हाथापाई करने लगी तभी हमने गुस्से में उसे धक्का दे दिया और वह नहर में गिरी व एक-दो बार पानी के ऊपर आकर चिल्लाई उसके बाद नहर में डूब गयी। हम घबरा गये क्योंकि रात काफी हो चुकी थी हमने सोचा कि हम कैसे बचें क्योंकि अंकिता को हमारे साथ आते हुए अभिनव व कुश ने देखा था तब हमने प्लान किया व प्लान के तहत अंकिता ने हमारे सैफ मनवीर को फोन कर चार आदमियों का खाना तैयार करने को कहा। मनवीर ने अंकित से पूछ लिया कि अंकिता मैडम आपके साथ है तो अंकित घबरा गया और उसने मना कर दिया कि अंकिता हमारे साथ नहीं है। तब हम तीनों रिजार्ट में पहुंचे और चुपके से रिजार्ट के किनारे वाले रास्ते से रिजार्ट में आ गया। हमने प्लान के तहत सोचा कि अंकित सैफ से कहेगा कि अंकिता को मैं खाना देता हूं ताकि रिजार्ट कर्मियों को लगे कि अंकिता कमरे में ही है। इस प्लान के तहत अंकित ही खाना लेकर अंकिता के कमरे मे गया और खाना रखकर आ गया। सुबह पुलकित और अंकित गुप्ता हरिद्वार चले गये और हरिद्वार से पुलकित ने नया मोबाईल और अपने जियो का डमी सिम खरीदा और प्लान के तहत ही पुलकित ने हमारे रिजार्ट में काम करने वाले सौरव बिष्ट को कहा कि अंकिता को कमरे में जाकर उसका फोन ले आओ ताकि सौरव बिष्ट कमरे में जाये और हमें बताये की अंकिता कमरे में नहीं है और न ही फोन है और यही बात हुई तब हम पर किसी को शक न हो इसलिये पुलकित ही अंकिता की गुम होने की एफआईआर दर्ज कराने गया। हम तीनों ने मिलकर यही सोचा था कि हम तीनों एक जैसे बयान देगें। इसलिये सोच समझकर हमने घटना की टाईमिंग सैट की थी। इसी हिसाब से एफआईआर दर्ज करायी थी ताकि हम पर कोई शक न कर सके। पूछताछ के दौरान अभियुक्तों द्वारा अपने जुर्म को कबूल करने पर उन्हें उनके जुर्म धारा 302/201 /120बी भादवि से अवगत कराकर गिरफ्तार गया। अभिगणों की निशानदेही पर घटनास्थल का निरीक्षण कर मृतका के शव को तलाश करने का प्रयास जारी है। शव की तलाश हेतु एसडीआरएफ द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

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