मनोज सैनी
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर भाजपाईयों द्वारा राहुल गांधी पर किए जा रहे हमलों का जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर पूरी भाजपा व मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लिखा है कि #भाजपाइयों यह तो समझ में आता है कि #मोदी जी कुछ भी कहें, उसको तुम गप्प-गप्प सब पचा लेते हो! चाहे वो विदेश की धरती में प्रधानमंत्री के रूप में देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों पर छींटाकशी करें या पूर्ववर्तीय सरकारों पर छींटाकशी करें, या देश के प्रतिपक्ष पर छींटाकशी करें, चाहे वॉशिंगटन में करें, चाहे लंदन में करें, चाहे ओटावा में करें, चाहे कहीं करें। मगर यदि राहुल गांधी जी जो इस समय एक सांसद मात्र हैं, वो एक वैचारिक गोष्टी में कुछ वैचारिक सवालों को, जिन सवालों को देश के अंदर वो महीनों-महीनों से उठा रहे हैं, जिसको देश का सबसे बड़ा प्रतिपक्षी दल अपने अधिवेशन में उठा रहा है, जिसको विपक्षी पार्टियां संयुक्त रूप से उठा रही हैं, जो सवाल सारा प्रबुद्ध जन मानस उठा रहा है, उन सवालों को दोहरा देते हैं तो क्या सत्य लंदन में कुछ होना चाहिए और भारत में कुछ ओर होना चाहिए या नई दिल्ली में कुछ होना चाहिए? सत्य तो सत्य है और राहुल जी ने केवल सत्य कहा, मगर आपको वह सत्य इतना कड़वा, तीता व अपच्य लग रहा है कि सारी भाजपा के गले-गले आ रही है, और एक नया इतिहास बना दे रहे हैं आप! आप देश की संसद को बाधित कर रहे हैं! वाह यदि देश का बहुमत अर्थात सत्तापक्ष लोकसभा न चलने दें, राज्यसभा न चलने दें तो फिर विपक्ष कहां जायेगा? आप तो जो सवाल राहुल जी कर रहे हैं उसकी पुष्टि कर रहे हो अपने आचरण से। आप जानते हैं कि आप गलत कर रहे हैं। मगर इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आपकी सरकार ने एक अति चमत्कारिक काम कर दिया है जो शायद हमारे बड़े-बड़े तपस्वी, ऋषि मुनि भी नहीं कर पाए, जो आपने दुनिया के अंदर 2014 में 609वें नंबर का धनाढ्य था उसको 8 सालों के अंदर नंबर दो पर पहुंचा दिया है। यदि कुछ दिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और नहीं आती और कुछ हिंडन चीजों को सामने नहीं लाता तो शायद वो नंबर एक भी हो जाता! तो विपक्ष, यही तो कह रहा है, राहुल गांधी यही तो कह रहे हैं कि भई वो चमत्कारी बूटी जिससे #गौतम_अदाणी जी का इतना चमत्कारिक ऊंचाइयों को प्राप्त किया है, वह औरों को भी दे दो, कुछ और गौतम अदाणी, कुछ तो है ही हैं, 100, 200, 500, 1000 और 10000 तो आपने बनाए ही बनाए हैं, आपने देश की सारी पूंजी उनको सौंप दी है। कुछ और लोगों को भी बूटी बता दो ताकि वह भी आ जाएं उस लाइन पर और आपको पीठ ठोकने का मौका मिल जाए कि देखो मेरी सप्ताह आई, मैंने 10 साल के अंदर 10,000 लोगों को अरबों-अरबों खरबों पति बना दिया है तो हिचकिचा क्यों रहे हो? या तो वह बूटी बता दो, हमारा दर्द तो शेयर धारक का दर्द है। जिन लाखों शेयरधारकों ने गौतम अदाणी जी की फर्मों में निवेश किया था और घाटा उठा रहे हैं, शेयर गिर गए उनके! हमारा दर्द तो एलआईसी का दर्द है, हमारा दर्द स्टेट बैंक का दर्द है जिनकी पूजी जो राष्ट्रीय पूंजी है, जिसको आपने अपने चहेते अदाणी को न्योछावर कर दिया, उसकी सुरक्षा का क्या बंदोबस्त है? हमें तो उसकी चिंता है! सवाल यह नहीं है कि श्री राहुल गांधी जी ने क्या किया? सवाल यह है क्योंकि राहुल जी ने वही कहा जो वो भारत की धरती में कह रहे हैं जो सत्य है। सत्य, स्थान-स्थान पर बदलता नहीं है! हमारा नेता ऐसा नहीं है कि विदेश के अंदर किसी मित्र देश का राष्ट्राध्यक्ष कौन हो, उसके लिए वोट मांगने लग जाए। हमारे नेता ने केवल भारत का दर्द बयां किया है, वास्तविकता बयां की है, लोकतंत्र व संविधान का दर्द बयां किया है और अदाणी का सारा प्रसंग भारतीय अर्थव्यवस्था का दर्द है, उसी दर्द को श्री राहुल गांधी जी उठा रहे हैं, उसी दर्द को कांग्रेस उठा रही है और प्रहार हो रहा है, सवाल हो रहे हैं अदाणी पर, बिलबिला/बिलख रही है भाजपा।
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