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ऐसे कैसे किसानों की आय दुगनी होगी सरकार? 400 किग्रा आलू बीज की डिमांड, अधिकारी दे रहे 15 किग्रा, पढिये पूरी खबर

प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल। जनपद पौड़ी के रिखणीखाल ब्लॉक के अंतर्गत जेठा गाँव उद्यान विभाग ने 3 महीने पूर्व किसानों से आलू बीज हेतु पैसा लिया गया था। किसानों ने यह पैसा अपने लिए बीज के लिए दिया था ताकि समय पर आलू की बुवाई कर सके। मगर आलू बुवाई का समय निकट आते ही आज 3 सितम्बर 2021 को उद्यान विभाग कोटद्वार ने आलू देने से इनकार कर दिया। विभाग किसानों के पैसे वापस लौटा रहा है। ऐसे में कैसे किसान खेती करेगा? जिन किसानों का 400 किग्रा डिमांड था उन्हें मात्र 15 किग्रा आलू दिया जा रहा हैं। अनेकों क्षेत्रीय किसान आलू की खेती करते हैं जिस से उन की आजीविका चलती हैं। इसमें जुई, सिलगांव, क्विराली, कोटड़ी, गाड़ियों, पड़ियारा पाणी, कर्तिया, रजबो आठबाखल के ऐसे किसान है जो 4 से 8 क्विन्टल आलू को बुवाई करते है। मगर हर किसान को 15 किग्रा आलू दिया गया।
ग्रामीणों का आरोप हैं कि आलू अधिकारियों की मिलीभगत से किसी आढ़ती को बेच दिया गया हैं या फ़िर अधिकारियों ने पैसे का झोल कर ग्रामीणों को ठगा हैं। उद्यान विभाग कोटद्वार के डीएचओ प्रभाकर कुमार कहते हैं जितना आलू मिला उसी में संतुष्ट करें। हमारे पास अब आलू का बीज नही हैं। किसानों की खुशकिस्मती हैं कि 15 किग्रा आलू भी मिल गया हैं। पूरे उत्तराखण्ड में आलू का बीज खत्म हो गया हैं। ऐसे में कैसे किसानों की आय दुगनी होगी? इन 15 किलो आलू की पूजा की जाये या खेत में बोया जाये। किसान इस असमंजस की स्थिति में पड़े हैं। कैसे मंझले किसान अपनी आजीविका चलाएगी। सहयोग के नाम पर सरकार सिर्फ बातें छोंक रही हैं। अधिकारियों को सिर्फ बातें बनाना आता है बाकी कुछ नही। अधिकारी गोलमोल जवाब देकर भोलेभाले गरीब किसानों को घुमा रहे हैं। सुविधा व सहयोग के नाम पर लाचारी बेबसी किसानों को मिल रही हैं।

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