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केन्द्र की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में कर्मचारी महासंघों ने किया प्रदर्शन

मनोज सैनी
हरिद्वार। केन्द्रीय ट्रेड यूनियनो कर्मचारी महासंघों द्वारा घोषित 28-29 मार्च 2022 दो दिवसीय हड़ताल के आह्वान पर जनपद हरिद्वार में संयुक्त ट्रेड यूनियनों के कार्यकर्ता नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय देवपुरा, हरिद्वार में एकत्र होकर केन्द्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया तथा नगर निगम से रैली निकालते हुए नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय तक गई।

जहां पर हुई आम सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि देश की लगभग सभी केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी महासंघा द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित ज्ञापन कई बार केन्द्रीय सरकार को दिये गये है। परन्तु खेद का विषय है कि सरकार न तो केन्द्रीय श्रम संगठनों से वार्ता की जानी उचित समझती है, ना ही केन्द्र सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कदम ही उठाया गया तथा प्रतिदिन मजदूर विरोधी नये नये कानून बना कर मजदूरों के अधिकारों के हनन करने पर आमादा है जिसके कारण दिनांक 28-29 मार्च 2022 को देश की लगभग सभी केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी महासंघों द्वारा असहयोग आन्दोलन के तहत दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान करने को मजबूर होना पड़ा है।

वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आपदा को अवसर में बदलने के आह्वान कर देश की आम जनता कर्मचारियों आदि को पहले से प्राप्त अधिकारों को छीनने का लगातार प्रयास कर रही है। इसलिये मजदूरों किसानो को असहयोग आन्दोलन चलाये जाने के अतरिक्त कोई विकल्प नहीं रह जाता है। हम केन्द्रीय श्रमिक संगठन द्वारा उठाये गये भौगों के सम्बन्ध में की जा रही हड़ताल का पूर्णतया समर्थन करते तथा केन्द्र सरकार से मांग करते है कि श्रम कानूनों में संसोधन कर बनाई गई श्रम सहिताओं को रद्द कर पुराने श्रम कानूनों को बहाल करो तथा ई०डी०एस० (आवश्यक प्रतिरक्षा सेवा अधिनियम) को समाप्त किया जाये। कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के 6 सूत्री मांग पत्र को स्वीकृत करते हुये किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जाय, मनरेगा के लिये आवंटन में कृषि और शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारन्टी योजना का विस्तार किया जाय, सभी अनौपचारिक क्षेत्र के मजदूरों के लिये सार्वभौनिक सामाजिक सुरक्षा लागू की जाये, आगनवाडी, आशा एवं भोजन माताओं और अन्य योजना कर्मियो के लिय वैधानिक न्यूनतम वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा का लाभ सुनिश्चित किया जाये। महामारी के दौरान जनता की सेवा करने वाले फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं के लिये सुरक्षा व बीमा सुविधा लागू की जाय, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित करने व सुधारने के लिये सम्पदाकर आदि के माध्यम से अमीरो पर कर लगा कर कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपयोगिताओं में निवेश में वृद्धि की जाये। देश एवं प्रदेश में कार्यरत सभी कामगारों के लिये सार्वभौनिक सामाजिक सुरक्षा कवच बनाया जाये। बढ़ती महंगाई को देखते हुए न्यूनतम वेतन मूल्य सूचकांक के प्रावधानों के साथ रूपये 24000-00 का भुगतान प्रतिमाह किया जाना सुनिश्चित किया जाये। उद्योगों में कार्यरत कामगारों के लिये बढ़ी हुई पेन्शन न्यूनतम रू0 3000-00 प्रतिमाह दिया जाना सुनिश्चित किया जाये पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की कीमतों में हो रही बेहताशा बढौत्तरी को देखते हुये पैट्रोलियम उत्पादों पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में पर्याप्त कटौती कर मूल्य वृद्धि को रोकने के ठोस कदम उठाये जाये, स्थायी प्रकृति के कार्यों पर ठेका मजदूरों का नियोजन पूर्णतया प्रतिबन्धित किया जाय ठेका कर्मियों, योजना कर्मियों को नियमितीकरण कर समान काम का समान वेतन एवं अन्य सुविधायें समान रूप से दिया जाना सुनिश्चित किया जाय, नई पेन्शन स्कीम (एन०पी०एस०) को रद करते हुये पुरानी पेन्शन लागू की जाये। देश में बढ़ती बेरोजगारी पर रोक लगाये जाने हेतु रोजगार पैदा करने हेतु
ठोस कदम उठाये जाये तथा केन्द्र एव राज्य सरकारों के कार्यालयों में कर्मचारियों की भर्ती पर लगी रोक को समाप्त किया जाये व समाप्त किये गये पदो को पुर्नजीवित किया जाये। बैंक, बीमा, रक्षा, बिजली, पोस्टल, रेलवे सहित केन्द्रीय एवं राज्य के सार्वजनिक उद्यमों का नीजिकरण/निगमीकरण किये जाने पर पूर्णतया रोक लगायी जाय, बढ़ती मंहगाई को देखते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाय जिससे बढ़ती मंहगाई पर रोक लगायी जा सके तथा वस्तु बाजार में सट्टेबाजी के व्यापार पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाया जाय, केन्द्रीय व राज्य सरकारों के कार्यालयों में रिक्त पदो पर नियमित भर्ती की जाये तथा उपनल सहित अन्य संविदा कर्मियों को पदों के सापेक्ष समायोजित कर नियमित किया जाये। डी०आर०डी०ओ० में गोको माण्डल के नाम पर नीजिकरण पर रोक लगाई जाय। आयुद्ध निर्माणी के किसी भी शाखा पर कामगारों के अधिकारों का हनन न किया जाना, सुनिश्चित किया जाय। सभा के अन्त में नगर मजिस्ट्रेट हरिद्वार के माध्यम से राष्ट्रपति को 19 सूत्री मॉग पत्र प्रेषित किया गया। सभा को मुरली मनोहर, एम०पी०जखमोला, पी०डी० बलोनी, इमरत सिंह, मुनरिका यादव, दीपक शांडिल्य, एम०एस त्यागी, आर०पी०जखमोला, डी०पी०रतूडी के०पी०केस्टवाल, अशोक चौधरी, बीरेन्द्र सिंह, सन्दीप चौधरी, सौरव त्यागी, कदम सिंह, राजकुमार, सुरेन्द्र सिंह, एम०एस०बर्मा, विजयपाल सिंह, कालूराम जैयपुरिया, आर०सी०धीमान, हरिश चन्द्र, बिक्रम सिंह नेगी, टी०के०बर्मा, के०के०लाल, भगवान जोशी, बी०के० सिंन्हा, लालदीन, रामनिवास, चिनगारी यादव, लेखराज, सत कुमार श्रीमती सुरेन्द्रा, श्रीमती मालती, श्रीमती सुधा, श्रीमती सुदेश, श्रीमती रंजीता, श्रीमती अर्चना, श्रीमती बबीता, श्रीमती नीलम ने सम्बोधित किया इसके अतरिक्त नगर निगम कर्मचारी संयुक्त मौर्चा हरिद्वार में शम्मलित विभिन्न यूनियनो के पदाधिकारियों सर्व श्री सुरेन्द्रतेश्वर, राजेन्द्र श्रमिक, सुनील राठौर, राजेश छाछर, मुरली मनोहर सुधाकर भट्ट, इन्द्र सिंह रावत, प्रवीनतेश्वर, घनश्याम रावत, शैलेन्द्र चन्द्र, अजय कुमार, दिनेश लखेडा, महावीर चौहान द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हुये माँगो पर अपना पूर्ण समर्थन दिया रैली में विभिन्न उधेगो के सैकडो श्रमिको द्वारा भाग लिया गया।

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