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खबरदार: जंगल में आग लगाई तो अब खैर नही, जंगल, नदियां व वन्यजीवों की रक्षा एवं उनका संवर्धन करना हम सभी का मौलिक कर्तव्य

चमोली ब्यूरो
चमोली। जंगल में आग लगाई तो अब खैर नही। जंगलों में आगजनी की घटनाएं बढने से चितिंत चमोली जिला प्रशासन ने आग लगाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कडी कारवाई करना शुरू कर दिया है। गोपेश्वर रेंज के अन्तर्गत किलोण्डी सिविल में 5 अप्रैल को हुई आगजनी की घटना का दोषी पाए जाने पर रोपा गांव निवासी मंगलू लाला पुत्र फगणू लाल पर भारतीय वन अधिनियम-1927 के अन्तर्गत वन अपराध पंजीकृत किया गया है।
केदारनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अमित कंवर ने बताया कि किलोण्डी सिविल में देर सांय आग लगने की सूचना मिलने पर वन दरोगा मीना देवी अपनी टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंची और पूरी टीम ने रात 1.00 बजे तक आग पर काबू पाते हुए किलोण्डी सिविल में 2.5 है0 क्षेत्रफल में क्षतिपूरक वृक्षारोपण को आग से बचाया। यहां पर 4 वर्ष पहले बडे प्रयासों से वनीकरण तैयार किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस वनाग्नि घटना की जांच वन क्षेत्राधिकारी आरती मैठाणी के माध्यम से कराई गई। जिसमें पता चला कि रोपा गांव निवासी मंगलू लाला देर सांय अपनी गौशाला में मवेशियों को डांस से बचाने के लिए धुंआ लगा रहा था। इस दौरान तेज हवा चलने से आग गौशाला के निकट खेत में रखे आडे के ढेर तक पहुॅच कर भडक गई। जो किलोण्डी सिविल वन तक पहुॅची। गोपेश्वर, रोपा निवासी मंगलू लाला पुत्र फगणू लाल के विरूद्व भारतीय वन अधिनियम-1927 के अन्तर्गत वन अपराध पंजीकृत किया गया है।
प्रभागीय वनाधिकारी ने कहा कि जंगल, नदियां व वन्यजीवों की रक्षा एवं उनका संवर्धन करना हम सभी का मौलिक कर्तव्य है। उन्होंने सभी से अपनी निजी नाप भूमि पर आडा न जलाने तथा जंगलों को आग से बचाने की अपील की है। बताया कि वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम के लिए वन विभाग की पूरी टीम इन दिनों खासी मशकत कर रही है। जंगलों में आग लगाने जैसी विकृत मानसिकता वाले लोगों के खिलाफ कडी कारवाई अमल में लाई जा रही है। उन्होंने ग्रामीणों से वनाग्नि की रोकथाम में सहयोग करने की अपील की है।

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