
मनोज सैनी
हरिद्वार। पिछले 2 महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली के बॉर्डर पर कड़कती, हाड़ कंपाती सर्दी में देश का अन्नदाता सड़कों पर आन्दोलित है। इस बीच किसान संगठनों व सरकार के बीच कईं दौर की वार्ताएं भी हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई भी समाधान नहीं निकला है। इसके इतर भाजपा व मोदी सरकार ने किसान आंदोलन को कमजोर व बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ी है। आतंकवादी खालिस्तानी, चीनी पाकिस्तानी एजेंट से लेकर माओवादी तक इन आन्दोलित किसानों को कह दिया मगर किसान अपने आंदोलन को अहिंसात्मक व शांतिपूर्ण तरीके से चला रहा है। तीनों कृषि कानून व एमएसपी को लेकर अब देशभर के किसान आंदोलन का हिस्सा बन गया है। जहां किसान आंदोलन पूरे देश में चल रहा है वहीं अब किसान आंदोलन की आग की तपिश उत्तराखंड तक भी पहुँच गई है। जनपद हरिद्वार की तहसील रूडकी के नारसन कला गांव में रातो रत ऐसे बोर्ड लगाए गए है जिनमे बीजेपी के नेताओं का गांव में प्रवेश वर्जित वाले बोर्ड लगा दिए गए है। हरिद्वार जिले के रुड़की में नारसन क्षेत्र के नारसन कला, खेडा जट, ब्रहमपुर और नगला सलारू समेत अनेकों गांवों में कुछ बोर्ड और होर्डिंग्स लगाए गए हैं। इसमें लिखा गया है कि इस गांव में भाजपा नेताओं का आना सख्त मना है। रातों रात लगे यह बोर्ड और होर्डिंग्स चर्चा का विषय बने हुए है।
सूत्रों की माने तो कुछ और गांव में भी इस तरह के बोर्ड लगाए जा रहे हैं। भाकियू के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने कहा कि इस आंदोलन से किसान दुखी है। इसलिए वह इस तरह के बोर्ड लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को तीनों कृषि कानून को वापस लेना चाहिए। दूसरी और भारतीय किसान यूनियन के महासचिव संजीव सैनी ने कहा कि भाजपा नेताओं के प्रतिबंधित वाले बोर्ड लगने की तो अभी शुरुआत भर है यदि केंद्र सरकार ने किसानों की समस्याओं व उनकी मांगों को अनदेखा किया तो जनपद हरिद्वार के सभी गांवों में इस प्रकार के बोर्ड लगाकर भाजपा नेताओं के आने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। वहीं टकराव की स्थिति न बने, इसको देखते हुए स्थानीय पुलिस भी सक्रिय हो चली है।
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