
मनोज सैनी
हरिद्वार। ज्वालापुर तहसील में अधिवक्ता के रूप में कार्य कर रहे चरण सिंह सैनी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर तहसील ज्वालापुर में तैनात तहसीलदार व रजिस्ट्रार कानूनगो पर गम्भीर आरोप लगाये हैं।
जिलाधिकारी को लिखे पत्र में चरण सिंह सैनी एडवोकेट ने लिखा है कि पार्थी तहसील हरिद्वार में अधिवक्ता के रूप में कार्य करता है तथा प्रार्थी जनपद हरिद्वार का मूल निवासी है। पार्थी के पास अनेक वादकारी अपने अन्य कार्यों के अलावा दाखिल खारिज कराने हेतु भी आते रहते हैं। पार्थी उनकी पत्रावली सम्पूर्ण साक्ष्यों सहित पूर्ण कर रजिस्ट्रार कानूनगो श्री अमरीश कुमार को जब भी देने जाता है, तभी रजिस्ट्रार कानूनगो अमरीश कुमार पत्रावली लेने से मना कर देता है क्योंकि तहसीलदार मेडम ने तुम्हारी पत्रावली लेने से मना कर रखा है। इस प्रकार पार्थी की कई अविवादित पत्रावलिया इकट्ठी हो गयी है तथा वादकारी पार्थी पर उक्त पत्रावलियो पर यथोचित आदेश की अपेक्षा कर प्रार्थी को परेशान कर रहे है। ऐसी ही स्थिति न्यायालय नायब तहसीलदार ज्वालापुर की पत्रावलियो से संबंधित है क्योंकि नायब तहसीलदार ज्वालापुर का पद रिक्त चल रहा है इस कारण उक्त पत्रावलियों के निस्तारण की जिम्मेदारी भी उपजिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा तहसीलदार हरिद्वार को दे रखी है। उनकी पत्रावली रजिस्ट्रार कानूनगो श्री बिजेन्द्र सिंह इसी कारण से लेने से मना कर रहे है कि तहसीलदार मैडम ने आपकी पत्रावली लेने से मना किया हुआ है। ऐसी दशा में जनता में प्रार्थी की छवि खराब हो रही है।
पत्र में आगे लिखा है कि प्रार्थी द्वारा महोदय के समक्ष तहसील की ज्वलन्त समस्याओं को समय-समय पर उठाता रहता है। इस कारण तहसीलदार श्रीमती शालिनी मौर्य व रजिस्ट्रार कानूनगो श्री अमरीश कुमार व श्री बिजेन्द्र कुमार प्रार्थी से व्यक्तिगत रंजिश रखते है। तहसील में कोई भी पत्रावली बिना घूस दिये स्वीकृत नही होती, न ही कोई अन्य कार्य बिना घूस दिये होता है। जब भी प्रार्थी महोदय से या शासन से इनकी शिकायत करता है तो प्रार्थी को हतोत्साहित करने के लिए ये लोग अनेक प्रकार के स्वांग रचते है तथा रजिस्ट्रार कानूनगो श्री अमरीश कुमार व श्री बिजेन्द्र कुमार द्वारा कहा जाता है कि डी०एम० साहब के आवास पर रखी गयी गायो के लिए भूसा, चोकर, चूरी आदि सभी सामान तथा बंगले पर अनेक प्रकार के सामान भेज रहे है इसलिए आप हमारी शिकायत जिस स्तर पर चाहो कर सकते हो, आपके द्वारा प्रस्तुत कोई भी पत्रावली स्वीकृत नही की जायेगी। चूंकि प्रार्थी द्वारा महोदय को तथा अन्य उच्चाधिकारियो को तथा शासन को अनेको बार तहसील की समस्याओ तथा अपनी पत्रावली के संबंध में अनेक प्रार्थनापत्र भेजे जा चुके है. उन पर आज तक आपके स्तर से कोई कार्यवाही किसी भी प्रकार की नही की गई। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इन सबको आपका संरक्षण प्राप्त है और इससे इस बात की पुष्टि होती है कि बंगले से समस्त खर्चे तहसील हरिद्वार द्वारा ही वहन किये जाते है इस कारण ये न तो कानून से डरते है और न ही शिकायत से और न ही विजिलेंस से आप एक लोक सेवक है और मैं लोक हूं। इस हैसियत से मैं स्वतंत्र देश का स्वतंत्र नागरिक हूं और मुझे किसी भी स्तर पर अपनी बात रखने/कहने का अधिकार प्राप्त है जो मुझसे कोई नही छीन सकता। यह मेरा संवैधानिक अधिकार है। यदि मेरी कोई भी शिकायत जांच में झूठी पायी जाती है तो मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप मेरे विरूद्ध कोई भी कार्यवाही कर सकते है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस बात की पुष्टि विजिलेंस विभाग की कार्यवाही से भी होती है। क्योकि आये दिन विजिलेंस सेक्टर देहरादून को अनेको शिकायते भ्रष्टाचार संबंधी प्राप्त होती है और कई लोकसेवक रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार भी हो चुके है। क्योकि अधिकतर लेखपालो की भी यही शिकायत है कि बिना आधा प्रतिशत दिये कोई पत्रावली तहसीलदार द्वारा स्वीकृत नही की जाती। इसलिए वे उक्त धन की पूर्ति के लिए क्षेत्र के लोगो से अवैध रूपयो की वसूली करते है और वसूली करते समय ही पकडे भी जाते है और कुछ गाहे-बगाहे छिपकर अपनी जान बचा रहे है। क्योकि आपसे विजिलेस विभाग द्वारा दो स्वतंत्र साक्षी मांगे जाने पर उपलब्ध कराये जाते है, उसकी तत्काल सूचना चारो तहसीलो में आग की तरह फैल जाती है और सभी राजस्व कर्मचारी अपना कार्य छोडकर छिपते फिरते है। इससे जनता के कार्य प्रभावित हो रहे है इस कारण वादकारी / काश्तकार आदि तनाव में आकर विजिलेंस से शिकायत करते है।
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