
सुनील मिश्रा
हरिद्वार। विजयदशमी दशहरा पर्व का त्यौहार आज हरिद्वार में भी धूमधाम से मनाया गया। प्रतिवर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है। दशहरे का यह पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार दशमी तिथि पर भगवान राम ने रावण का वध किया था और माता सीता को वापस लेकर आए थे। इसी खुशी में हर वर्ष दशहरे का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरे के दिन भगवान श्री राम की पूजा का बड़ा विधान है। हिंदू सनातन धर्म में आज के दिन घर में रखे अस्त्र-शस्त्रों आदि की पूजा की जाती है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार दशहरे के दिन पूरे दिन शुभ मुहूर्त होते हैं। इसलिए सारे बड़े काम आज के दिन निर्विघ्न संपन्न किए जा सकते हैं। यह एक ऐसा शुभ मुहूर्त है जिसमें आप बिना मुहूर्त देखे भी किसी भी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। वहीं आज दशहरे के दिन विजयादशमी पर शमी वृक्ष का भी पूजन किया जाता है। आज के दिन लोग अपनी अपनी क्षमता अनुसार सोना, चांदी, वाहन, कपड़े, नए बर्तनों की खरीदारी करते हैं। वहीं शाम के समय देश भर में रावण के पुतले दहन कर दशहरा पर्व का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। हरिद्वार में भी आज दशहरे विजयादशमी की धूम रही तीर्थ पुरोहितों और अखाड़ों ने भी अपने अपने घरों और आश्रमों में लाठी भाला त्रिशूल अस्त्र शस्त्रों की वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा अर्चना करते हुए भगवान श्रीराम का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों के घरों में आटे एवं गाय के गोबर से भगवान श्री राम की धनुषधारी आकृति को बनाकर पायता पूजा गया। महिलाओं और बेटियों ने अपने अपने भाइयों के कानों पर नौरते रखकर उनके दीर्घायु की कामना की। वहीं शाम के समय अनेक स्थानों पर उत्सव का माहौल रहा। असत्य पर सत्य की जीत अधर्म पर धर्म की जीत का अनुसरण करते हुए बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को दहन किया जायेगा। दक्ष मंदिर प्रांगण कनखल, रोड़ी बेलवाला हरिद्वार, ज्वालापुर औद्योगिक नगरी बीएचईएल आदि स्थानों पर मौजूद भारी भीड़ के वीच रात्रि के समय रावण कुंभकरण मेघनाथ के पुतले रामलीला कमेटियों के द्वारा दहन किए जायेंगे। रावण दहन से पूर्व लाखों लोग राम रावण युद्ध के बीच देर तक चले युद्ध का आनंद लेंगे रामलीला कमेटियों के द्वारा जमकर आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जायेगा। बच्चों भी इस मौके पर धनुष बाण तलवार भीम गदा आदि खिलौनों की जमकर खरीदारी करेंगे।
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