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पढिये आखिर हरीश रावत ने क्यों और किसके लिये लिखा है कि “इधर-उधर की न बात कर, ये बता की नौकरियां कहां गई?

मनोज सैनी

देहरादून। उत्तराखण्ड में सरकारी नौकरियों को लेकर एक बार फिर उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर हमला बोला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हरीश रावत ने लिखा है कि #राज्य का #नौजवान एक शायर के शब्दों में माननीय भगत जी से कह रहा है कि,
“इधर-उधर की न बात कर, ये बता की नौकरियां कहां गई?
मुझे गरज नहीं तुम्हारे आंकड़ों से, मेरे लिये तो मेरी नौकरी की बात है”।।

#भगत जी, मुझे कार्य करने के लिये 3 साल (32 महीने) मिले, जिसमें दैवीय व राजनैतिक आपदा से लड़ा, तब भी मैंने प्रतिमाह 1000 नौकरियां सरकारी विभागों में सृजित की। मेरे कार्यकाल में पब्लिक सर्विस कमीशन में दो बार विज्ञप्तियां निकली और भर्तियां प्रारंभ हुई। आपके कार्यकाल के लगभग 46 महीनों में भी पब्लिक सर्विस कमीशन की कोई विज्ञप्ति नहीं निकली है। मैं राज्य का पहला मुख्यमंत्री हूँ, जिसके कार्यकाल में सरकारी नौकरी में भर्ती को संस्थागत स्वरूप देने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, मेडिकल व उच्च शिक्षा भर्ती बोर्डों का गठन, तकनीकी शिक्षा परिषद के परीक्षा तंत्र को वैधानिक मान्यता देने का काम किया गया, नौजवानों को भटकना न पड़े इसलिये मैंने तंत्र दिया और धन्य है आपकी सरकार आंकड़ों के झूठ मंत्र पाठ कर रही है और परीक्षाओं में धांधली आपकी सरकार के कार्यकाल की नियत बन गयी है, चाहे फ़ॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा हो, पंचायत की परीक्षा हो, पिटकुल और यूपीसीएल में जेई की परीक्षा हो, परीक्षा करवाते हैं फिर भ्रष्टाचार का बहाना लेकर नौजवानों को लटकाये फिरते हैं। हां, आपने भर्तियां की हैं, माननीय विधानसभा अध्यक्ष महोदय और मेयर साहब के स्वजनों को नौकरी देकर अर्थात आपके द्वारा सभी आवेदकों को नौकरी दे दी गई, यह मान लिया गया है। आप चाहें तो मैं आपके ज्ञानार्थ मेरे कार्यकाल में जो 32000 सरकारी विभागों में नियुक्तियां हुई हैं उसका ब्यौरा सार्वजनिक कर सकता हूं, ताकि आपको बार-बार 801 के आंकड़े का झूठ न दोहराना पड़े।
Trivendra Singh Rawat Bansidhar Bhagat

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