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पढिये क्या हुआ जब दोस्त की पत्नी से हुई आंखे चार

शंकर दत्त शर्मा
उधमसिंहनगर। पुलिस ने चालक मुरारी लाल की हत्या का खुलासा करते हुए आरोपियो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि 27 दिसंबर को सूरज पाल पुत्र नत्थू लाल निवासी वीर शिवा स्कूल के पास, सिरौलीकला, थाना पुलभट्टा, जिला ऊधम सिह नगर ने तहरीर देते हुए बताया कि मेरा भतीजा मुरारी लाल पुत्र स्व. राजा राम निवासी वीर शिवा स्कूल के पास, सिरौलीकला, थाना पुलभट्टा जो टुक टुक चलाता है को, 26 दिसंबर की सुबह 9.30 बजे बन्टी पुत्र सुखलाल निवासी पंजाबी मौहल्ला किच्छा, मूल निवासी खाता कमालपुर देवरिया, जिला बरेली अपने साले के साथ घर पर आया और उसके भतीजे को धान लेने के लिये रिच्छा होकर गाँव ले जाने की बात कहकर अपने साथ ले गये। इसके बाद से ही मेरे भतीजा घर में नहीं आया और उसका मोबाइल भी स्विच आफ आ रहा है। एएसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि सूरज पाल की सूचना के आधार पर थाने में एफआईआर सं. 204/2020 धारा 365 आईपीसी बनाम बन्टी व एक अन्य पंजीकृत किया गया। घटना की गम्भीरता को देखते हुये एसएसपी दलीप सिंह कुंवर द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक अपराध/अपर पुलिस अधीक्षक रुद्रपूर के निर्देशन पर क्षेत्राधिकारी सितारगंज के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर गुमशुदा मुरारी लाल पुत्र स्व0 राजा राम की तलाश हेतु किया गया। टीम द्वारा नामजद किये गये संदिग्ध बन्टी पुत्र सुखलाल निवासी पंजाबी मौहल्ला, किच्छा मूल निवासी खाता कमालपुर देवरिया, जिला बरेली व उसके साले से सख्ती से पूछताछ की गयी तो उसके द्वारा बताया गया कि मैं और मृतक मुरारी लाल दोनों टुक टुक चलाते थे। हम दोनो की अच्छी जान पहचान हो गयी थी। एक दूसरे के घर आना जाना हो गया। इस बीच मुरारी लाल की मेरी बीबी से नजदीकिया बढ़ने लगीं। धीरे धीरे मुझे इस बात का शक हुआ कि जब मैं अपने काम से किच्छा जाता हूँ तो मुरारी लाल मेरे घर पर आता है। इस बात को लेकर मैं मन ही मन मुरारी लाल से रंजिश रखने लगा। यह बात मैंने अपने जीजा भवानी प्रसाद उर्फ बन्टी को बतायी। फिर हम दोनों ने मिलकर मुरारी लाल को सबक सिखाने की सोची और मौके की तलाश मे लगे रहे। विगत 26 दिसंबर को मैं किच्छा अपने जीजा भवानी प्रसाद उर्फ बन्टी के घर आया। जहाँ हम दोनों ने मिलकर मुरारी लाल को मारने की योजना बनायी और धान लेने के बहाने रिच्छा ले गये। जहाँ हमने उसे शराब पिलाई। उसके बाद मैं जीजा को वहीं छोडकर मुरारी लाल को लेकर तराई डाडी गाँव से दीन नगर को जाने वाले रास्ते पर ले गया। मुरारी लाल अधिक नशे मे था और उसने मेरी बीबी को फोन किया और गंदी-गंदी बाते करने लगा। इस बात को लेकर उसका मेरा झगडा हुआ। मैने उसको नीचे गिरा दिया और टुक टुक से रस्सी निकाल कर उसका गला दबा दिया। झीना छपटी में उसके चेहरे पर चोट लग गयी थी और खून निकलने लग गया था। कुछ देर बाद उसकी मृत्यु हो गयी। मुरारी लाल के शव को मैंने अपने जीजा भवानी प्रसाद उर्फ बन्टी के साथ मिलकर पैरो को फोल्ड कर गर्दन को रस्सी से बांधकर तथा दोनो पैरो के निचले हिस्से को उसी के मफलर से बांधकर एक बोरे मे बंद कर गन्ने के खेत मे छिपा दिया तथा ऊपर से खड़ा गन्ना और पत्तियां डाल कर छिपा दिया। मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में पुलभट्टा थानाध्यक्ष विनोद जोशी, एसआई बसंत पंत, कीर्ति भट्ट, दिनेश भट्ट, कां. नीरज बिष्ट, ललित चैधरी तथा नरेश चैहान शामिल थे।

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