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प्रभुपाल सिंह रावत
जन जन की आवाज को मुखर करने वाले पत्रकार इन्द्रजीत सिंह असवाल,जो कि सतपुली के निकटवर्ती गाँव के हैं। उनका बड़ा बेटा 7 मार्च को एक भीष्ण सड़क दुर्घटना में ब्यासघाट के नजदीक गम्भीर रूप से घायल हो गया था, जो कि हंस फाउंडेशन अस्पताल सतपुली में कार्यरत था लेकिन वे भी स्वास्थ्य लाभ देने में फिसड्डी रहे।अन्ततः उन्होंने बेटे को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स) ऋषिकेश भर्ती किया। वहाँ भी तीन दिन से उनके बेटे का बुखार तक नहीं उतार सके।चोटिल इलाज तो बहुत दूर की बात है। वर्तमान में उनका लड़का जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहा है।
इन्द्रजीत असवाल एक पत्रकार हैं तथा आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं। वे इस स्थिति में नहीं है कि बेटे का उचित इलाज इन्द्रेश अस्पताल, सी एम आई, कैलाश, मैक्स आदि में करा सकें। वे पहाड टी वी, पर्वतजन आदि के वरिष्ठ पत्रकार हैं। वे रिखणीखाल, नैनीडान्डा, जयहरीखाल, सतपुली, चौबटटाखाल, पौड़ी आदि की खबरों को बखूबी शासन प्रशासन व जन जन तक पहुंचाते हैं। इन्द्रजीत असवाल ने 11 मार्च को एक वीडियो अस्पताल से जारी कर कहा कि कोई उनके बेटे के इलाज के लिए आगे आये।
जैसे ही वीडियो जारी हुआ, कुछ ही मिनट बाद उत्तराखंड की बेटी व राज्य आंदोलनकारी भावना पांडेय ने आनन फानन में एक वीडियो व संदेश जारी किया कि वे इन्द्रजीत असवाल के बेटे का अस्पताल का पूरा खर्च वहन करेगी। वे चाहे तो इन्द्रेश सी एम आई,कैलाश आदि जहां भी उचित लगे, ले जायें। भावना पांडेय ने इन्द्रजीत असवाल को फोन कर ढाढस बंधाया तथा खाता नम्बर देने का अनुरोध किया। वे इन्द्रजीत असवाल से बराबर फोन पर सम्पर्क बनाये हुए हैं। इन्द्रजीत असवाल कहते हैं कि आयुष्मान कार्ड तो सिर्फ जेब में रखने व वाहवाही लूटने के लिए बनाया गया है। उसका कहीं भी असर व फायदा नहीं है।
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