Apne log news

No.1 news portal of Uttarakhand

पुलिस, आरटीओ विभाग की मिलीभगत से तीर्थ नगरी में चल रहे हैं डग्गामार वाहन, सरकार को लगा रहे भारी राजस्व का चूना, सवारियों की जान से भी कर रहे खिलवाड़

मनोज सैनी
हरिद्वार। उत्तराखंड में एक तरफ तो परिवहन विभाग घाटे में चल रहा है दूसरी तरफ तीर्थ नगरी हरिद्वार में पुलिस प्रशासन व आरटीओ की मिलीभगत के चलते डग्गामार वाहनों के कारण सरकार को हर रोज भारी राजस्व की चपत लग रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भीमगोडा हरिद्वार से सैकड़ों की संख्या में प्रति दिन पुलिस प्रशासन व आरटीओ की मिलीभगत से डग्गामार वाहन बेरोकटोक चल रहे हैं। इतना ही नहीं इन डग्गामार वाहनों में कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं हो रहा है। इसके अतिरिक्त इन डग्गामार वाहनों में निर्धारित संख्या से अधिक सवारियां भी बैठाई जाती है। एक तरफ तो पुलिस प्रशासन, आरटीओ और सीपीयू गलियों, सड़क पर जहां देखो हेलमेट आदि को लेकर चालान काटते नजर आते हैं, मगर हर रोज सैकड़ो की तादाद में सड़क पर चलते डग्गामार वाहन इनको दिखाई नहीं देते। इन डग्गामार वाहनों से उत्तराखण्ड सरकार को हर महीने भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं अवैध रूप से चल रहे डग्गामार वाहनों में बैठी सवारियों के जीवन से भी खिलवाड़ हो रहा है। स्थानीय नागरिक सूरज शर्मा, शशांक, अश्वनी का कहना है पुलिस, आरटीओ विभाग की मिलीभगत से अवैध रूप से चल रहे इन डग्गामार वाहनों से सरकार के साथ साथ ट्रेवल व्यवसायियों को भी नुकसान हो रहा है। एक तरफ सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है वहीं सरकार के कर्मचारी व अधिकारी जीरों टॉलरेंस को धत्ता बताते हुए अपनी जेबें भर रहे है और सरकार को भारी राजस्व का चूना लगा रहे है। सरकार को चाहिए कि अवैध रूप से चल रजे डग्गामार वाहनों को तुरंत बंद कराये और ऐसे कर्मचारियों व अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करें जो इन डग्गामार वाहनों को चलाने में अपनी जेबें भर रहे है।

Share
error: Content is protected !!