क्राइम ब्यूरो
हरिद्वार। सलमानी बिरादरी की सम्पति से होने वाली आय में घोटाले का मामला प्रकाश में आया है। बिरादरी के एक व्यक्ति ने कांग्रेसी पार्षद सहित पांच लोगों के खिलाफ ज्वालापुर कोतवाली में धेखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। आरोप है कि पांचों ने मिलकर मस्जिद के चंदा, पंचायत घर से होने वाली आय, कब्रिस्तान में लगी फसल से होने वाली आमदनी में घोटाला किया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि ज्वालापुर, हज्जाबान निवासी नसीम सलमानी ने तहरीर देते हुए शिकायत की हैं कि सलमानी बिरादरी की निजी मस्जिद, कब्रिस्तान, पंचायती घर और दुकानों के साथ ही बिरादारी को दान किए हुए एक मकान आय के स्त्रोत लिए किराये पर दे रखे हैं। पिछले 35 साल से इसकी जिम्मेदारी अफतार अहमद सलमानी, इकबाल अहमद उर्फ मुन्ना पुत्र रहमुद्दीन, नसीर सलमानी पुत्र रद्दू, अजीज सलमानी पुत्र अब्दुल मजीद कर रहे हैं। आरोप है कि इसके बाद अफतार सलमानी ने गुपचुप तरीके से समाज का रजिस्ट्रेशन कर उसमें अपने बेटे कांग्रेसी पार्षद इसरार सलमानी को अध्यक्ष बनवा दिया तथा अपने ही ग्रुप के पदाधिकारी नियुक्त करवा दिए। जिससे बिरादरी की आय व संपत्ति को हड़प सके। संपत्ति की आय का कोई भी हिसाब बिरादरी को नहीं दिया। आरोप हैं कि धेखाधड़ी करते हुए पंचायती घर का बिजली का कनेक्शन भी बिरादरी की इजाजत के बगैर ही चोरी-छिपे अफतार ने अपने बेटे पार्षद इसरार के नाम करवा दिया। गबन की नियत से मकान का स्वामी भी इसरार को दर्शा रखा है। पुलिस ने फर्म सोसायटी की उप निबंधक नीतू भंडारी की जांच के बाद अफतार अहमद सलमानी, पार्षद इसरार सलमानी, इकबाल अहमद उर्फ मुन्ना, नसीर सलमानी, अजीज सलमानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है। बताते चले कि तीन साल पहले सलमानी बिरादरी की संपत्ति व इससे होने वाली आय का हिसाब मांगने पर विवाद हुआ था। मामला एसएसपी तक पहुंचने के बाद वर्ष 2017 में सलमानी बिरादरी के आठ युवाओं की एक कमेठी का गठन करते हुए विवाद को सुलझा दिया गया था। तब संपत्ति व आय का हिसाब कमेटी के पास ही है। कमेटी को लंबे समय से घोटाला होने का पता चला तो पुलिस से इस मामले में शिकायत की गयी है।
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