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भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाली सरकार अपने केंद्रीय मंत्री के आरोपों की जांच कराएगी?

रतनमणी डोभाल
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हर की पैड़ी के सौंदर्यीकरण की अपनी 34 करोड़ रुपए लागत की महत्वकांक्षी योजना के ड्रीम प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में धन के दुरुपयोग “भ्रष्टाचार” का गंभीर आरोप स्थलीय निरीक्षण कर लगाया है।

सवाल यह है कि क्या भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाली त्रिवेंद्र सरकार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान में अपने केंद्रीय मंत्री के आरोपों की जांच कराएगी और ड्रीम प्रोजेक्ट की उनकी योजना पर पानी फेरने वाले योजनाकार लोगों को धन का दुरुपयोग करने के लिए दंडित कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर खरी उतर कर दिखाएगी या केवल गाल ही बजाती रहेगी?।

सवाल यह भी है कि केंद्रीय मंत्री निशंक को जब काम पूरा होने को है तब ही क्यों याद आया कि उनका ड्रीम प्रोजेक्ट का सपना फेल हो गया है और वह जो चाहते थे वह न होकर 34 करोड़ की बर्बादी कर दी गई है ?।

सवाल यह भी है कि क्या वह अपनी ही प्रदेश सरकार के मुखिया से धन के दुरूपयोग की जांच कराने और दोषियों को दंडित कराने की मांग करने की हिम्मत दिखाएंगे ?।

सवाल यह भी उठता है कि वैप्कोस ने 34 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कराने से पहले योजना के प्रस्तावक केंद्रीय मंत्री निशंक के समक्ष प्रस्तुतीकरण किसके कहने पर नहीं किया और क्या इसके पीछे भाजपा के ही उनके प्रभावशाली विरोधियों की चाल है ?।

केंद्रीय मंत्री एवं हरिद्वार के सांसद के प्रतिनिधि ओमप्रकाश जमदग्नि का कहना कि मंत्री जी ने 34 करोड़ रुपए केवल हर की पैड़ी के सौंदर्यीकरण के लिए दिलाए थे। जिसमें मुख्य रूप से आरती देखने के लिए हर की पैड़ी की सीटिंग कैपेसिटी एक लाख श्रद्धालुओं के बैठने की करने थी जिसके लिए स्टेडियम की तरह सीढ़ियां बनाई जानी थी। पूरा शहर तथा कुंभ क्षेत्र आरती देख सके के लिए बड़े-बड़े एल ई डी स्क्रीन लगाने, बारिश से बचने के लिए फोल्डिंग छतरी तथा लाइटिंग आदि की व्यवस्था की जानी थी। लेकिन मुख्य काम ही नहीं किया गया है।

केंद्रीय मंत्री निशंक ने मुख्यमंत्री रहते कुंभ 2010 में भी हर की पैड़ी विस्तारीकरण की योजना को सिरे नहीं चढ़ाने का प्रयास किया था जिसे गंगा सभा की राजनीति ने सिरे नहीं चढ़ने दिया था। जिसे वह अब केंद्र और राज्य में अपनी ही पार्टी की भारी भरकम बहुमत वाली डबल इंजन सरकार और गंगा भक्त प्रधानमंत्री के रहते परवान चढ़ाना चाहते थे लेकिन भ्रष्ट सिस्टम ने उनके महत्वकांक्षी मंसूबे पर पानी फेर दिया लगता है।
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केवल कपड़े बदले हैं
हर की पैड़ी सौंदर्यीकरण की पूरी योजना के जानकारी देते हुए पूर्व पार्षद कन्हैया खेवडिया का कहना है कि केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 34 करोड़ के अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर बहुत चिंतित हैं। सौंदर्यीकरण के नाम पर केवल कपड़े बदलने का काम किया जा रहा है। जबकि फर्श का पत्थर बिल्कुल ठीक था। कहीं कहीं पर कोई पत्थर टूटा था जिसे बदला जा सकता था।कुंभ को ध्यान में रखते हुए उन्होंने काम नहीं रुकने दिया है लेकिन उनकी यह चिंता का विषय बना हुआ है और शीघ्र अति शीघ्र हरिद्वार में या दिल्ली में इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर वह बैठक करने वाले हैं।

उन्होंने खुलासा किया कि 2018 में सीसीआर इस बैठक में परियोजना पर चर्चा हुई थी उसमें तत्कालीन सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा जिलाधिकारी एवं कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत, अपर मेलाधिकारी एल एन मिश्रा, गंगा सभा के महामंत्री रामकुमार मिश्रा, आशुतोष शर्मा और वह भी उपस्थित थे। उन्होंने निर्देश दिया था कि सौंदर्यीकरण की परियोजना के क्रियान्वयन कमेटी में कन्हैया व आशुतोष शामिल रहेंगे, लेकिन उन्हें कभी इसमें शामिल नहीं किया गया। योजना शुभारंभ करने की सूचना तक उन्हें नहीं दी गई। हर की पैड़ी के सौंदर्यीकरण की योजना का 18 करोड़ रुपए घास लगाने के लिए रोडी वेलवाला में किसके कहने पर खर्च किए जा रहे हैं निशंक जी को इसका पता ही नहीं है और बुलाने पर भी वैप्कोस वाले नहीं आए।

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