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मोरातारा ज्वैलर्स में करोडों की डकैती में आरोपी को रिमांड पर लेकर पुलिस ने की 11 लाख की नकदी व जेवरात बरामद

क्राइम ब्यूरो
हरिद्वार। कोतवाली कोतवाली क्षेत्र में जुलाई माह में मोरातारा ज्वैलर्स के शोरूम में करोडों की डकैती में नामजद फरार आरोपी को पुुलिस ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर रिमांड पर लेकर शोरूम से लूटे गए जेवरात को बेचकर हासिल किए ग्यारह लाख रुपए की नकदी व लाखों रुपए के जेवरात बरामद किए। डकैती में शामिल आधा दर्जन से ज्यादा आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर करीब अस्सी लाख रुपए के जेवरात बरामद कर चुकी है। आरोपी ने पुराने मामले में जमानत तुडवाकर बुलंदशहर जेल में चले गया था। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट से रिमांड के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।

रानीपुर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि ज्वैलर्स शोरुम मोरतारा में डकैती की घटना को सतीश उर्फ ताऊ गैग ने अंजाम दिया गया था। डकैती कर लूटा गया माल सुनार का काम करने वाले प्रदीप कुमार राठौर पुत्र रामकुमार निवासी सुनारोवाली गली निकट अम्बर सिनेमा थाना सदर जिला बुलन्दशहर उत्तर प्रदेश के माध्यम से बेचा गया था। जिसको वारन्ट बी के माध्यम से न्यायिक हिरासत मे लिया गया था। 17 नवम्बर को न्यायालय के आदेश पर पुलिस अभिरक्षा में लिया गया था। प्रदीप कुमार राठौर से पूछताछ में एक महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी थी कि घटना की मुझे पूरी जानकारी थी घटना में लूटे गये माल को अपने माध्यम से बेचकर जो रुपये प्राप्त किये गये हैं तथा घटना में डकैती कर लूटी गयी ज्वैलरी व कुछ सोने का सामान जो मेरे हिस्से में आया वह मैने अपने घर पर छिपा रखा है। आरोपी को टीम प्रदीप कुमार राठौर उर्फ जैकी की निशानदेही पर उसके आवास सुनारोवाली गली निकट अम्बर सिनेमा थाना सदर जिला बुलन्दशहर उत्तर प्रदेश से घटना में लूटे गये माल को अपने माध्यम से बेचकर प्राप्त किये गये ग्यारह लाख की नगद धनराशि व घटना में लूटी गयी एक लक्ष्मी गणेश की मूर्ती, दो अँगुठियाँ व एक जोडी पायल बरामद की गयी। डकैती का माल बरामद करने के बाद आरोपी का मेडिकल कराने के बाद करवा कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। आरोपी प्रदीप कुमार राठौर उर्फ जैकी पूर्व में सुनार की दुकान चला चुका है। सुनारो वाली गली में रहने के कारण जेवरातों के संबंध में अच्छी खासी जानकारी रखता है। चोरी करने वालो के करीब रहता है। इसी कारण अभियोग की घटना मे भारी मात्रा में लूटे गये आभूषणो आदि को बेचने के लिए संपर्क कर घटना में शामिल किया जाता था।

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