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रक्षा बंधन-2022 :11 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्यौहार मनाना शुभ होगा: ज्योतिषचार्य डॉ0 अतुल चमोला

ब्यूरो
हरिद्वार। भाई बहन के पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन की सभी सनातनी लोगों ने पूरी तैयारियां कर ली है। इस बार रक्षाबंधन पर्व की तिथि और राखी बांधने के शुभ समय को लेकर थोडी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। रक्षाबंधन इस बार कहीं 11 अगस्त को तो कहीं पर 12 अगस्त को मनाया जाएगा। इसलिये तिथि को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अतुल चमोला के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10.39 से प्रारंभ होकर सांय 5.50 पर समाप्त होगी। डॉक्टर चमोला के अनुसार राखी बांधते समय बहनों को पूरे विधि विधान के साथ अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधनी चाहिए। राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। राखी बांधने के दौरान घी के दीपक से भाई की आरती उतारें और उसे चंदन का टीका लगाकर व मिष्ठान खिलाकर दाहिने हाथ में भाई की कलाई पर राखी बांधनी चाहिए।

ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अतुल चमोला ने बताया की हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार हमेशा श्रावण पूर्णिमा तिथि और श्रावण नक्षत्र में मनाया जाता है। ऐसे में 11 अगस्त को सुबह 6:53 से श्रावण नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा और पूर्णिमा तिथि सुबह 10:39 से शुरू हो जाएगी। इस बार रक्षाबंधन के दिन यानी 11 अगस्त 2022 को सुबह से ही भद्राकाल शुरू हो जाएगा जो शाम तक रहेगा। 11 अगस्त को भद्रा पूरे दिन रहेगी लेकिन अलग-अलग पंचांग में भद्रा का समय भिन्न रह सकता है। कुछ पंचांग में भद्रा सुबह 10:38 से लेकर रात के 8:50 तक रहेगी। शास्त्रों में राहुल काल को भी अशुभ माना गया है। 11 अगस्त को राहु काल दोपहर 1:41 से लेकर 3:19 तक रहेगा। 11 अगस्त को भद्रा पूंछ का समय शाम 5:17 से लेकर 6:18 तक रहेगी, वहीं भद्रा मुख का समय शाम 6:18 से लेकर रात 8:00 बजे तक रहेगा। 11 अगस्त को प्रदोष काल में रक्षा सूत्र बांधा जा सकता है। इस दौरान प्रदोष काल भद्रा पूंछ शाम 5:18 से 6:18 तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार पूर्णिमा तिथि और श्रावण नक्षत्र लगने पर ही मनाया जाता है। ऐसे में पूर्णिमा तिथि 12 अगस्त को सुबह 7:05 तक ही रहेगी। 12 अगस्त को पूर्णिमा तीन मुहूर्त ना होने कारण मान्य नहीं होगी। जब भद्रा का वास पृथ्वी लोक में होता है तब यह अशुभ, कष्टकारी और बाधा डालने वाली होती है। पंचांग गणना के अनुसार 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के लगने के साथ ही भद्रा शुरू हो जाएगी। 11 अगस्त को भद्रा के दौरान चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। इस कारण से भद्रा का वास पाताल लोक में माना जाएगा। पाताल लोक में भद्रा को अशुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्यौहार मनाना शुभ होगा।

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