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राजस्व विभाग ने सूचनाधिकार कानून मजाक बना दिया है: पुनेठा। कहा क्यों ना ₹25000 की शास्ति आरोपित कर दी जाए?

मनोज सैनी
हरिद्वार। मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने कहा है कि राजस्व विभाग ने सूचना का अधिकार अधिनियम का मजाक बना दिया है। उन्होंने लोक सूचनाधिकार / मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट हरिद्वार तथा राजस्व उपनिरीक्षक क्षेत्र शेखुपुरा कनखल तहसील हरिद्वार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि अपीलकर्ता रतनमणी डोभाल को उनके मूल सूचना अनुरोध पत्र 24 मई 2021के सापेक्ष समयांतर्गत चाही गई सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने के संबंध में क्यों ना उन पर ₹250 प्रतिदिन की दर से अधिकतम ₹25000 की शास्ति आरोपित कर दी जाए ? इसके साथ ही उनके नियंत्रक अधिकारी को उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की संस्तुति क्यों ना कर दी जाए ? लोक सूचना अधिकारी / मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट हरिद्वार को निर्देशित किया गया है कि सुनवाई की अगली तिथि 23 मई से पूर्व उत्तरदायी समस्त लोक सूचना अधिकारियों की सूची आयोग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि संबंधित उत्तरदायी अधिकारियों पर उत्तरदायित्व का निर्धारण कर उन पर शास्ति आरोपित किए जाने की कार्यवाही की जा सके।
मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने हरिद्वार निवासी रतन मणी डोभाल की द्वितीय अपील की सुनवाई 2 मार्च को की थी। लोक सूचनाधिकार लेखपाल द्वारा सूचना ना दिए जाने पर उप जिलाधिकारी को समतुल्य अधिकारी नामित किया था। जिनके द्वारा 10 अप्रैल को सूचना उपलब्ध कराई गई। अपीलकर्ता ने 21अप्रैल को सुनवाई के समय आयोग को बताया कि समतुल्य लोक सूचनाधिकार / उप जिलाधिकारी द्वारा भ्रामक सूचना दी गई है । उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग आयोग से की गई। मुख्य सूचना आयुक्त ने अपने आदेश की एक प्रति अपर मुख्य सचिव, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग उत्तराखंड शासन को प्रकरण न्यायोचित कार्यवाही करने के लिए भी भेजने का आदेश दिया है।

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