
देहरादून ब्यूरो
देहरादून।
उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की 10 राज्यसभा सीट 25 नवम्बर को खाली होने जा रही है जिसके लिये निर्वाचन आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसी के मद्दे नजर भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में राज्यसभा के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश की राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर 8 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। साथ ही साथ उत्तराखंड के एक राज्यसभा सीट से भी प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगा दी है।
उत्तर प्रदेश से हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, हरिद्वार दुबे, बृजलाल, नीरज शेखर, गीता शाक्य, बीएल वर्मा, सीमा द्विवेदी को कैंडिडेट बनाया गया है। वहीं उत्तराखंड से नरेश बंसल को उम्मीदवार घोषित किया गया है।
उत्तराखंड की एकमात्र सीट पर सबसे बड़े उम्मीदवार के रूप में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को देखा जा रहा था क्योंकि उन्होंने कांग्रेस से गद्दारी कर हरीश रावत सरकार को गिराने की साजिश की थी और भाजपा में अपने विधायक साथियों के साथ चले गए थे तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि विजय बहुगुणा को भाजपा कोई बड़ा पद देकर खुश करेगी लेकिन कहावत है न कि न खुदा ही मिला न बिसाले सनम। एक और कहावत हिंदुस्तान में बड़ी प्रचलित है कि धोबी का कुत्ता घर का न घाट का। वही स्थिति भाजपा ने कांग्रेस से गद्दारी करने वाले विजय बहुगुणा की बना दी है। विजय बहुगुणा न तो कोई जनाधार वाले नेता थे और न मुख्यमंत्री के पद लायक व्यक्ति थे लेकिन कांग्रेस ने फिर भी उन्हें इतना बड़ा सम्मान दिया जिसे वे पचा नहीं पाए। अब गद्दारी की सजा उन्हें कांग्रेस नहीं खुद भाजपा ही दे रही है। बात करते हैं नरेश बंसल की तो नरेश बंसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा में महामंत्री (संगठन) के रूप में आये थे और अब दूसरी बार राज्य सरकार में कैबिनेट स्तरीय दायित्व धारी हैं। बेहद कुशल वक्ता बंसल भाजपा में ट्रेनर्स ट्रेनर का दायित्व निभाते हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं के आजकल चल रहे प्रशिक्षण में वे इसी भूमिका को निभा रहे थे। भाजपा के सबसे वरिष्ठ प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने बंसल के राज्यसभा प्रत्याशी बनाये जाने को कार्यकर्त्ताओं के लिए उत्साहजनक बताते हुए स्वागत किया है। ज्ञात रहे, इस अवसर के लिए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और अनिल गोयल जैसे दिग्गज लाइन में थे।भाजपा ने बंसल को चुनकर बहुतों की अटकलें गड़बड़ा दी है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से राज्यसभा की दस सीटों में से नौ का परिणाम तो लगभग तय है। दसवीं सीट भाजपा और विपक्षी दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल होगी। निर्वाचन चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इन सीटों पर 27 अक्टूबर को नामांकन और 9 नवंबर को मतदान होगा। मतदान के दिन ही शाम को वोटों की गिनती शुरू कर दी जाएगी और 11 नवंबर को नतीजे भी घोषित कर दिए जायेंगे।
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