
मनोज सैनी
हरिद्वार। 2013-14 के आम चुनाव में मोदी जी ने बड़े गाजे बाजे व जुमलेबाजी में देश की जनता को फंसाकर सत्ता के शिखर पर पहुंचने में सफलता हासिल की थी और देशवासियों को अच्छे दिनों का सपना भी दिखाया था। देशवासियों के अच्छे दिन आये या नहीं इसका तो मालूम नहीं लेकिन हरिद्वार सिडकुल स्थित सत्यम ऑटो कम्पनी में कार्यरत कर्मचारियों व उनके परिवार व बच्चों के बुरे दिन जरूर आ गए हैं। इन्हीं कर्मचारियों में से एक कर्मचारी अरुण सैनी, सलेमपुर राजपुताना, संघ का कट्टर समर्थक भी है। जिसने अपनी नौकरी वापिस दिलाने व बच्चों के लिये देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, प्रदेश के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों , सांसदों, विधायकों, प्रदेश का आलाधिकारियों व जनपद के जिलाधिकारी तक गुहार लगाई मगर हर जगह मिला तो सिर्फ कोरा आश्वासन। सभी ने संघ के इस कट्टर कार्यकर्ता की गुहार को अनदेखा किया। संघ के इस कार्यकर्ता को पक्का विश्वास था कि केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार अब तो आमजन की बात सुनी जाएगी मगर वही ढाक के तीन पात। अभी हाल ही में इस कट्टर संघी कार्यकर्ता ने उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी अपनी पीड़ा बयान करते हुए एक चिट्ठी लिखी है लेकिन अभी तक भी उसका कोई जवाब नहीं आया है।
अब देखिये मोदी जी के बड़े बड़े वायदों का सच आज जिन बच्चों के हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए थी, जिन बहनों के हाथों में आज मेहंदी होनी चाहिए थी लेकिन मोदी और रावत सरकार में सत्यम ऑटो कंपोनेंट कंपनी ने इन बच्चों के हाथों से कलम और इन बहनों के हाथों से मेहंदी छीन ली। इन बच्चों के बाप का रोजगार छीन लिया। 4 साल हो गए हैं इन मजदूरों को अपनी नौकरी के लिए, अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए लेकिन शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधि, सरकार सब मौन है क्योंकि एक पूंजीपति सामने खड़ा है। देश का विपक्ष मोदी सरकार पर पूंजीपतियों की सरकार के हित में कार्य करने का आरोप यूं ही नहीं लगाते। जब मोदी और रावत की सरकार में संघी कार्यकर्ता की ही नहीं सुनी जा रही है तो आम आदमी की कौन सुनेगा?
More Stories
पंचायत चुनाव में कांग्रेस का परचम लहराने पर कांग्रेसजनों ने मिठाई बांटकर मनाई खुशी।
खरे निकला खोटा सिक्का, पत्रकारिता को किया कलंकित।
ऑपरेशन कालनेमी: जनपद के अलग अलग क्षेत्रों से 44 कालनेमी गिरफ्तार।