
प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल। आखिरकार वो शुभ घड़ी आ ही गयी जिसका ग्रामीण 15 वर्षों से इन्तजार कर रहे थे। उनकी आंखे सड़क की बाट जोहते जोहते पथरा गयी थी।अब गाँव में सड़क पहुँचने पर गाँव वासियों की खुशी का ठिकाना न रहा तो ग्रामीणों ने सड़क पहुँचते ही आनन फानन में विगत दिवस अपनी खुशी का इजहार करते हुए एक भव्य व विशाल सामुहिक भोज का आयोजन रखा, जिसमें सभी गाँव वासियों की भागीदारी विशाल जनसंख्या में देखी गई। भोजन में आमतौर पर गढ़वाली भोजन को ही प्राथमिकता दी गई जिसे लोग बड़े चाव व शौक से खाते हैं। इसमें भात, शिकार, भुटवा, कलेजी, शिकार की तर्री, पनीर, चाय पकौडा व मदिरा परोसा गया। इस आयोजन में शामिल होने के लिए लोग जो गाँव के प्रवासी देहरादून, रामनगर, कोटद्वार, दिल्ली आदि रहते है वे भी शरीक हुए। इसके अलावा गाँव के वृद्ध, महिलायें, युवक व बच्चे सभी इस जश्न व ख़ुशनुमा माहौल में हाजिर हुए। जिसमें मुख्य रूप से दर्शन सिह गुसाई, गबर सिह गुसाई, बृजपाल नेगी, पूर्व प्रधान सुभाष नेगी, पूर्व प्रधान लक्ष्मी देवी, बलवंत सिंह नेगी, भारत सिह नेगी, छीलू, गम्भीर गुसाई, गोविंदी देवी, बालमती देवी, बसन्ती देवी, बीना देवी, सीता देवी आदि कई लोग थे।
ये गाँव समुद्र तल से लगभग 4000 फुट की ऊंचाई पर एक भव्य ऊंची चोटी व टीले पर स्थित है। यहाँ से पूरा लैसडौन छावनी, कोटद्वार भाबर, कालागढ, बिजनौर आदि जगह साफ देखी जा सकती है। पर्यटन व तीर्थाटन के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है। जो आदमी एक बार यहाँ के दर्शन कर ले तो वापस जाने का नाम नहीं लेगा लेकिन सरकारों की अनदेखी व अकर्मण्यता के कारण सब पलायन को मजबूर हो गए हैं। इस गाँव के लोग सन 2005 से सड़क की मांग करते आ रहे हैं लेकिन बीच में समय-समय पर विघ्न व रोड़े पडते रहे, जिसमें खासकर वन विभाग, वन पंचायत की अकर्मण्यता, उदासीनता व सरकार की हीला हवाली, शिथिलता प्रमुख वजह रहे लेकिन ग्रामीणो ने हार नहीं मानी वे आगे बढते रहे। अनेक विभागों से पत्राचार, फोन सम्पर्क, वार्तालाप साधकर इस सड़क को मुकाम तक पहुंचाया। इसमें खासकर मेजर( सेवानिवृत्त) श्याम सिह गुसाई आदि का विशेष प्रयास रहा।
अब आज गाँव वाले कह रहे थे ” देर आये दुरुस्त आये”।ग्रामीण अपनी जनसभा में लैंसडौन विधायक दिलीप सिंह रावत का स्मरण व गुणगान करना नहीं भूले। जो इस क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक, सबके चहेते, बूढों के दुलारे व सबके दिलों में पिछला दस ग्यारह वर्षों से राज करते आ रहे हैं। ग्रामीणो का संघर्ष व विधायक का प्रयास अनवरत चलता रहा।
यह सड़क मुख्य सड़क मार्ग दियोड- रिखणीखाल के पैयागडी नामक स्थान से कटकर अपना 5 किलोमीटर का सुहाना सफर पूरा कर आज रजबौ मल्ला गाँव में सेमल के पेड के पास पहुंच चुकी है। इस सड़क का उद्घाटन विगत वर्ष फरवरी 2021 में हुआ था जो कई कठोर पहाडियों व पठारो को चीरती फाडती इस ऊंचाई में स्थित गाँव पहुची है।यहाँ के लोग अपनी आजीविका का खाद्य सामाग्री खच्चरो से या कंधों में ढोते ढोते थक गये थे लेकिन आखिर वह खुशी का दिन आ ही गया।
गाँव वासियों का कहना है कि रिखणीखाल प्रखंड में अब सड़कों का एक मकड़जाल सा बिछ गया है इसके लिए स्थानीय विधायक दिलीप रावत वधाई के पात्र हैं। वे इस जश्न में अपने पारिवारिक शोक के कारण सम्मिलित नहीं हो पाये। इसका गाँव वासियों को दुख है। साथ ही साथ यह कहना भी नहीं भूले कि अब रजबौ मल्ला, नावेतल्ली और टान्डियू जैसे दुर्गम गाँवों में सड़क पहुंच गयी तो समझो पूरे रिखणीखाल के गाँवों में सड़क आ गयी। यही गाँव सड़क से वंचित रह गये थे।
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