मनोज सैनी
हरिद्वार। संतों की नगरी हरिद्वार से पिछले 5 बार से लगातार विधायक मदन कौशिक इन दिनों कई साधु संतों की आंख की किरकिरी बन चुके हैं। जिन साधु संतों के दम पर पिछले 5 बार से लगातार रिकार्डतोड़ जीत हासिल कर बड़े बड़े राजनीतिक सूरमाओं को धूल चटाने में मदन कौशिक सफल रहे, अब उन्हीं साधु संतों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
एक दौर में मावा बेचकर जीवन गुजर बसर करने वाले मदन कौशिक आज की तारीख में बड़ा नाम बन चुके हैं। राजनीति में उन्होंने भाजपा में अपने विरोधियों और कांग्रेस में सबको पटखनी दी। नीलम हत्याकांड, कुंभ घोटाला से लेकर हाल ही में सहारा इंडिया की जमीन हड़पने जैसे आरोप मदन कौशिक पर लग चुके हैं।
अब मदन कौशिक पर आरोप हैं कि वे अखाड़ों की संपत्तियों को अपने चेलों के माध्यम से खुर्द बुर्द करने में लगे रहते हैं। संतों ने आरोप लगाया है कि मदन कौशिक ने हरिद्वार के कई संतों को संपत्तियों के लालच में या तो मरवा दिया या उन्हें रातों रात गायब करवा दिया जिनमे 5 साल पहले बड़ा उदासीन अखाड़े के वरिष्ठ संत मोहन दास का भी नाम है। संतों ने भाजपा के राष्ट्रीय आलाकमान से सीबीआई जांच की मांग की है।
बड़ा उदासीन अखाड़ा और जूना अखाड़े के संतों ने मदन कौशिक पर गंभीर आरोप लगाये हैं। दोनों ही अखाड़ों के संतों ने मदन कौशिक की संपत्तियों की लिस्ट जारी की है। सभी संतों ने मदन कौशिक की संपत्तियों की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
अखाड़े की संपत्ति विवाद में फूटा संतों का गुस्सा, विधायक को निष्कासित करने की करी मांग, नहीं तो दिल्ली अमित शाह के घर के बाहर करेंगे धरना।
श्री पंचायती बड़ा अखाड़े से चार संतों को निष्कासित किए जाने के बाद अखाड़े के संतों के बीच वर्चस्व की लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द कर अपनी निजी संपत्ति अर्जित करने के मामले में अखाड़े द्वारा महंत रघुमुनि, महंत दामोदर दास,महंत दर्शन दास, महंत अग्रदास को अखाड़े से निष्कासित किया गया था जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया। अब इस मामले में अखाड़े से जुड़े साधु संतो ने निष्कासित संतो के साथ ही स्थानीय विधायक मदन कौशिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और आरोप लगाए हैं की विधायक मदन कौशिक निष्कासित संतो के साथ मिलकर अखाड़े की संपत्ति को कब्जाने का प्रयास कर रहे हैं। साधु संतों ने इस मामले में पूर्व में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की थी।
श्री पंचायती बड़ा अखाड़े के कोठारी महंत गोविंद दास का कहना है कि अखाड़े से निष्कासित संतो द्वारा मुझे धमकी दी गई है। निष्कासित संत मेरी हत्या कराना चाहते हैं। इनका कहना है कि किसी भी राजनेता को अखाड़े के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। राजनेताओं के लिए सभी संत एक समान होते हैं। स्थानीय विधायक द्वारा निष्कासित संतों का समर्थन किया जा रहा है। इसको हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे
श्री पंचायती बड़ा अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज का कहना है कि अखाड़े के पंचों द्वारा पंच के एक महंत सहित तीन संतों को निष्कासित किया गया। इस मामले में स्थानीय विधायक मदन कौशिक संतो को धमकाने का कार्य कर रहे हैं जो संत इसका विरोध कर रहे उन्हें नोटिस भिजवाए जा रहे हैं। विधायक मदन कौशिक की अखाड़ों की संपत्तियों पर नजर है। हरिद्वार के कई आश्रम अखाड़ों की संपत्तियों को इनके द्वारा कब्जाया गया है। इनका कहना है कि विधायक मदन कौशिक के भाई मुकेश कौशिक भाभी और तीन भाइयों के नाम काफी प्रॉपर्टी है। संत समाज ने भारत सरकार से मांग करी है इनकी संपत्तियों की जांच की जाए। इनके पास अरबों की संपत्ति कहां से आई? इनके पास सामो देवी ट्रस्ट के नाम पर अरबों की संपत्ति दान की गई है। इनका कहना कि हरिद्वार से कई संत लापता हुए है उसमें इन सभी भू माफियाओं का हाथ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी हमने इसमें कार्रवाई की मांग की है। जल्द ही संतों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रदबोधानंद गिरी का कहना है कि स्थानीय विधायक और सांसद भूमाफिया है हरिद्वार में अखाड़ों की संपत्ति को कब्जाने के लिए भू माफियाओं का गैंग बन गया है। इस पर जब तक कार्रवाई नहीं की जाएगी देवभूमि सुरक्षित नहीं है। साधु संतों द्वारा प्रधानमंत्री गृह मंत्री और मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि तुरंत इन लोगों की जांच की जाए। अगर इन लोगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो साधु संत गृह मंत्री अमित शाह के घर के बाहर धरना देंगे। केंद्रीय नेतृत्व तत्काल विधायक को निष्कासित करें।
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