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सीडीएस अनिल चौहान के पैतृक गांव गवांणा में खुशी का माहौल, ढोल दमाऊ की थाप पर नाचे ग्रामीण

देवेन्द्र गौड़
श्रीनगर। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को देश का दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस बनने पर एक बार फिर उत्तराखंड का गौरव बढ़ा है। संयोग से दूसरे बार पौड़ी जिले से ही देश को सीडीएस मिला है। इससे पहले जनरल विपिन रावत देश के पहले सीडीएस बने जो कि पौड़ी जिले के ही निवासी थे। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान खिर्सू ब्लॉक के ग्राम पंचायत रामपुर के गवांणा गांव के निवासी है। तीनों सेना के प्रमुख बनने की खबर सुनने के बाद से ही उनके पैतृक गांव में खुशी का महौल है। श्रीनगर से 16 किमी दूर देवलगढ़ के पास ग्राम पंचायत रामपुर कांडा के गंवाणा गांव है, जहां उनका जन्म सुरेंद्र सिंह चौहान के घर 18 मई 1961 में हुआ। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के ताऊ के बेटे दर्शन सिंह चौहान ने बताया कि अनिल चौहान ने बचपन में वह गांव छोड गये थे। जनरल अनिल चौहान पढ़ाई कलकत्ता से पूरी की जिसके बाद एनडीए व आईएमए देहरादून में प्रशिक्षण के बाद वें गोरखा राइफल्स का हिस्सा बनें। बताया कि उन्हे गांव से लगाव रहा है, हालांकि उन्होंने अपनी प्रराभिंक पढाई कोलकाता से की वे बचपन से बाहर रहें लेकिन अपने गांव को नहीं भूले। कहा कि उनके पिता सुरेंद्र सिंह चौहान लगातार गांव में संपर्क कर ग्रामीणों का हाल चाल पुछते रहते हैं। सीडीएस अनिल चौहान के भाई दर्शन सिंह चौहान ने बताया कि सीडीएस अनिल चौहान पांच साल पहले परिवार सहित गांव पहुँचे थे, यहां नृसिंह देवता की पूजा में शामिल हुए। वह उसी दिन शाम को लौट गए थे।

जनरल अनिल चौहान के सीडीएस बनने की खबर जैसे ही गवाणा गांव के लोगो को मिली, वैसे ही गांव में खुशी की लहर दौड़ गयी। ग्रामीणों ने पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊं की थाप पर नाचते झूमते हुए दिखे व मिठाई खिला कर एक दूसरे का मुंह मिठा किया। वहीं उनकी भतीजी खुशी चौहान ने उन्हें सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

जल्द सीडीएस अनिल चौहान से दिल्ली जायेगा परिवार

श्रीनगर। सीडीएस अनिल चौहान के भाई दर्शन सिंह चौहान ने बताया कि उनकी बात सीडीएस अनिल चौहान से हुई है और उन्हें जल्द दिल्ली बुलाया गया है। जल्द ही पूरा परिवार उनसे मिलने दिल्ली जायेगा और उन्हें गांव आने का न्यौता भी देगें। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार प्रकट किया है।

सुरक्षा के मोर्चे पर उत्तराखंड हमेशा रहा अग्रणी

बड़ी जिम्मेदारी संभाल चुके ये जांबाज

श्रीनगर। वीर भूमि के नाम से कह जाने वाला उत्तराखंड़ के नाम एक और गौरव जुड़ गया है। देश की सुरक्षा के मोर्चे पर उत्तराखंड राज्य सबसे आगे है। जनरल विपिन रावत के बाद (सेनि.) लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस (सीडीएस) नियुक्त किए गये है। इससे पहले पौड़ी जिले के ही सैण गांव है के जनरल विपिन रावत को सीडीएस थे। बीते दिसंबर माह में हेलीकॅाप्टर दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। नौ महिने के बाद एक बार फिर देश के सीडीएस की नियुक्ति पौड़ी जिलें के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहाड़ वासियों के प्रति हमेशा से लगाव रहा है। खासतौर पर उत्तराखण्ड़ के पौड़ी जिले से कई ऐसे अधिकारी निकले हैं जो सेना में उच्च पदों पर काबिज हुए हैं। इनमें जो सबसे पहला नाम आता है विपिन रावत का जो देश के पहले सीडीएस रहे। वहीं देश की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाले एनएसए अजीत डोभाल भी पौड़ी जिले से ही हैं। इसके साथ ही पूर्व कोस्ट गार्ड चीफ, पूर्व डीजीएमओ एके भट्ट समेत कई ऐसे अधिकारी हैं जो इस जनपद से निकले ओर देश की सुरक्षा व्यस्था में अपना अहम योगदान दिया। है। देश की सुरक्षा के मोर्चे पर उत्तराखंड राज्य सबसे आगे है। यहां के आठ जांबाज बेटे भारत मां की रक्षा में अहम योगदान दे चुके हैं। इनमें नया नाम देश के नए सीडीएस ले जनरल अनिल चौहान (सेनि) का भी शामिल हो गया है। इनमें से कई सैन्य अफसर सर्जिकल स्ट्राइक में भी योगदान दे चुके हैं। इससे पहले पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन चंद्र जोशी, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल देवेंद्र कुमार जोशी, पूर्व रॉ प्रमुख अनिल कुमार धस्माना, तटरक्षक बल के मुखिया रहे राजेंद्र सिंह व डीजीएमओ की जिम्मेदारी संभाल चुके ले. जनरल अनिल कुमार भट्ट भी उत्तराखंड़ से शामिल हैं।

 

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