ब्यूरो
हरिद्वार। महंत सुधीर गिरि हत्याकांड में शामिल आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली व 2 अन्य आरोपियों को रुड़की कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास सहित 50 -50 हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है और हत्याकांड में शामिल दूसरे आरोपियों को भी कोर्ट ने अलग अलग सजा सुनाई है। अभी आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली रुड़की जेल में बंद रहेगा लेकिन वह अभी रुड़की कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगा।
अभियुक्त आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली को कोर्ट ने दोषी मानते हुए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120बी/302 के अपराध के लिए सश्रम आजीवन कारावास की सजा एवं मु0 50,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर एक वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की भोगेगा।
कोर्ट ने हत्याकांड में शामिल अन्य अभियुक्त इम्तियाज उर्फ जुगनू व महताब उर्फ शानू को कोर्ट ने दोषी मानते हुए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 एवं धारा 120बी/302 के अपराध के लिए सश्रम आजीवन कारावास की सजा एवं मु0 50,000- 50,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है और अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर एक-एक वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भोगेंगे।
हत्याकांड में शामिल अन्य अभियुक्त हाजी नौशाद को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 216 के अपराध के लिए पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं मु० 20,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित जाता है। अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर तीन माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भोगेगा।
अभियुक्त इम्तियाज उर्फ व जुगनू, महताब उर्फ शानू दोनो को आयुध अधिनियम की धारा 25 के अपराध के लिए तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं मु0 25,000-25,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है । अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर दोषसिद्धगण तीन-तीन माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भोगेंगे।
बताते चलें कि शर्मा कंस्ट्रक्शन कंपनी का स्वामी आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली पुत्र सुभाष चंद्र शर्मा निवासी मोहल्ला म्याना, कनखल, हरिद्वार कई वर्ष से महानिर्वाणी अखाडे़ में बतौर मुंशी कार्यरत था। वह अखाडे़ के संतों से कम दामों में भूमि खरीदकर वह महंगे दामों में बेचता था। कॉलोनियों, अपार्टमेंट और दुकानें आदि बनाकर भी बेचता रहता था। साल 2004 में संत सुधीर गिरि ने सस्ते रेट में भूमि देने का विरोध किया। दोनों में इस बात को लेकर तकरार भी हुई और आशीष शर्मा को मुंशी पद से हाथ धोना पड़ा।
फिर 2006 में टुल्ली ने मुंशी के तौर पर अखाडे़ में वापसी की। आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली ने अपने परिचित प्रॉपर्टी हाजी नौशाद (पुत्र मसीतुल्ला निवासी मॉडल टाउन, सरकुलर रोड, सिविल लाइन, मुजफ्फरनगर) से संपर्क साधा। उसने टुल्ली की मुलाकात शूटर इमत्याज उर्फ जुगनू (पुत्र अशफाक निवासी खालापार रहमतनगर आजा मॉन्टेसरी स्कूल के पास मुजफ्फरनगर) और महताब उर्फ काला उर्फ शानू (पुत्र अनीस निवासी सूजडडू चुंगी मॉडल टाउन सिविल लाइन मुजफ्फरनगर) से कराई। घटना से कई माह पूर्व तक शूटर महताब एवं इमत्याज बतौर ड्राइवर के तौर पर प्रॉपर्टी डीलर टुल्ली के साथ रहे और 14 अप्रैल 2012 को कनखल से पीछा करते हुए बेलड़ा गांव पहुंचने पर कार में सवार महंत सुधीर गिरि की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी।
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