
मनोज सैनी
देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए मानहानि मामले में दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने आदेश में कहा कि ट्रायल कोर्ट के जज को अपने फैसले में अधिकतम सजा सुनाने की वजहें भी बतानी चाहिए थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर राहुल को 1 साल 11 महीने की सजा होती तो उन्हें बतौर सांसद अयोग्य नहीं करार दिया जाता। सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें पेश कीं। शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की तरफ से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने तर्क रखे। अदालत की ओर से दोनों पक्षों को 15-15 मिनट का समय दिया गया था। राहुल ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में सजा पर निलंबन से गुजरात हाई कोर्ट के इनकार को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोष सिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है। मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक की खबर सुनते ही कांग्रेस में खुशी की लहर दौड़ गई। इसी खुशी का इजहार करने के लिए हरिद्वार के कांग्रेसजन सांय 5 बजे चंद्राचार्य चौक पर इकट्ठा होकर खुशी मनाएंगे।
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