
मनोज सैनी
हरिद्वार। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी की और से 2022 के चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने पर जोर दिया है। सोशल मीडिया पर लिखते हुए हरीश रावत ने लिखा है कि काशीपुर में, फिर खटीमा में लोगों ने मुझसे कहा कि आपने हमको जिला नहीं दिया, बड़ी उम्मीदें थी। मैं, उनको कैसे समझाता कि मैं 9 नये जिले खोलने की पूरी तैयारी कर चुका था, 100 करोड़ रुपये का बजट का प्राविधान भी किया था, लेकिन ज्यों ही 1 जिले को खोलने का प्रस्ताव आया तो सरकार डगमगाने लग गई। उत्तराखंड में मुझसे बहुधा लोग सवाल करते हैं कि हमारी आशाओं का उत्तराखंड नहीं बना, लोग मुझसे और भी कुछ बड़े प्रश्नों पर कहते हैं कि आपने क्यों नहीं कर दिया? मैं, कैसे उनसे विनती करूं कि मुझे तो बागडोर ही ऐसे समय में मिली, जब आपदा से ग्रस्त राज्य था और केंद्र में हमारी न सुनने वाली सरकार आ चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद भी मैंने सभी चुनौतियों को छूने की कोशिश की, हाँ 2002 में मैं जानता हूंँ कि लोगों ने मेरे चेहरे पर वोट दिया, मैं जानता हूंँ वर्ष 2002 में लोगों ने यह मानकर के वोट किया कि हरीश रावत मुख्यमंत्री होगा, वर्ष 2012 में भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी मगर बागडोर मेरे हाथ में नहीं आयी, मेरे हाथ में तो केवल अपेक्षाएं आयी, अब मैं एक ऐसे पड़ाव पर हूंँ कि जिनमें अपेक्षाओं के बोझ के साथ निवृत होना बहुत कठिन हो जायेगा! लोगों को हमारे जैसे राज्य में यह मालूम होना चाहिये कि जिस व्यक्ति को हम वोट दे रहे हैं उसका एजेंडा क्या है? ताकि पार्टी और लोग भी अपनी सोच को उसी के अनुसार ढाल सकें। इसलिये मैं, मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने पर जोर दे रहा हूँ।
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