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वर्चुअल क्लास नेटवर्क से जुड़े 840 राजकीय विद्यालय। सीएम धामी ने किया योजना का शुभारंभ, ऑनलाइन शिक्षा से छात्रों को मिलेगी मदद।

मनोज सैनी

देहरादून। उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ डिजिटल शिक्षा को बढावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के 840 राजकीय विद्यालयों को वर्चुअल क्लास नेटवर्क से जोड़ दिये गये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज (शनिवार) को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा (देहरादून) में स्थापित केन्द्रीयकृत स्टूडियो का उद्घाटन कर इस योजना का शुभारंभ कर दिया है।

इस अवसर पर सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और समावेशी बनाने के लिये संकल्पित है। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करा कर बच्चों को डिजिटल माध्यम से भी पढ़ाई का अवसर उपलब्ध कराना है ताकि बच्चे तकनीकी दुनिया के साथ कदम से कदम मिला सकें।

डॉ रावत ने कहा कि ICT योजना के अन्तर्गत डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य के 840 विद्यालयों में हाईब्रिड मोड में वर्चुअल तथा स्मार्ट कक्षाओं का संचालन किया जायेगा। जिससे प्रदेश के सूदूरवर्ती क्षेत्रों तक डिजिटल शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में डिजिटल प्रसारण हेतु राजीव गांधी नवोदय विद्यालय रायपुर, देहरादून, में दो नवीन केन्द्रीय वर्चुअल स्टूडियो का निर्माण किया गया है। जिनके माध्यम से प्रशिक्षित शिक्षको के द्वारा पाठ्यक्रम आधारित कक्षाओं का संचालन सजीव प्रसारण किया जाएगा, साथ ही छात्रों के मूल्यांकन की प्रक्रिया भी इसके माध्यम से सरल सहज और त्वरित होगी।

डॉ रावत ने बताया कि डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र मे राज्य का यह प्रयास छात्रों के प्रभावी शिक्षण में आने वाली कई बाधाओं को दूर कर सकेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली की कई विशेषताएं हैं। पहली विशेषता यह है कि अब हमारे बच्चों को घर से पढ़ाई की भी सुविधा मिल सकेगी। बच्चे उत्तराखंड वर्चुअल लर्निंग एप (Uttarakhand Virtual Learning App) के माध्यम से घर बैठे भी पढ़ाई कर सकते हैं। कठिन मौसम या दूरी अब पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगी। दूसरी विशेषता यह है कि इससे बच्चो का तुरंत मूल्यांकन हो सकेगा। क्योंकि हमारे बच्चों को अब Assessment Tools मिलेंगे, जिनसे वे तुरंत जान सकेंगे कि उन्होंने कितना सीखा और किन विषयों पर और मेहनत की जरूरत है। विशेषज्ञ शिक्षकों से जुड़ाव इसकी तीसरी विशेषता है, इसके तहत बच्चों को राज्य और देश के जाने-माने विशेषज्ञ शिक्षकों से पढ़ने का अवसर मिलेगा, वह भी बिना अपने गाँव या शहर से बाहर निकले। इसके अलावा इसका लाभ स्थानीय समुदाय को भी मिल सकेगा। क्योंकि यह प्लेटफॉर्म केवल बच्चों तक सीमित नहीं है। गाँव और समुदाय के अन्य लोग भी विशेष सत्रों से इसका लाभ उठा सकते हैं, चाहे वह कृषि हो, स्वास्थ्य हो या स्टार्टअप और व्यवसाय से जुड़ी नई जानकारी। डॉ रावत ने बताया कि इस पहल से बच्चों में प्रतिस्पर्धा और आगे बढ़ने की प्रेरणा बढ़ेगी। विशेष सत्रों में टॉपर्स और राज्य के प्रसिद्ध नागरिक उनसे संवाद करेंगे और उन्हें नई दिशा देंगे।

इस अवसर पर रायपुर विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु, महानिदेशक शिक्षा दीप्ति सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि राज्यभर के विद्यालयों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

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