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9 वर्षीय बालक से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कैद। 80 हजार रुपये का जुर्माना।

क्राइम ब्यूरो
हरिद्वार। 9 वर्षीय बालक से अनैतिक दुष्कर्म करने के मामले में एडीजे/एफटीएससी न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी युवक को दोषी पाते हुए 20 वर्ष की कठोर कैद व 80 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि 27 नवम्बर 2019 शाम को चार बजे लक्सर क्षेत्र में एक नाबालिग बालक के साथ मारपीट, दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने की वारदात की गई थी। पीड़ित बालक ने घर आकर सारी आपबीती अपनी माता को बताई थी।शिकायतकर्ता माता के पूछताछ करने पर पीड़ित बालक ने बताया कि जब वह बीड़ी का बंडल लेने दुकान पर जा रहा था।तभी लक्ष्मी टेलर की दुकान पर से आरोपी युवक उसे रेलवे लाईन की ओर ले गया था। जहां आरोपी युवक पर पीड़ित बालक के साथ मारपीट, अनैतिक दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी दी थी। घटना के अगले दिन शिकायतकर्ता माता ने आरोपी अरविंद पुत्र स्व विजयपाल निवासी ग्राम सिमली कोतवाली लक्सर के खिलाफ दुष्कर्म,जान से मारने की धमकी देकर मारपीट करने व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था।मामले की विवेचना के बाद विवेचक ने आरोपी युवक के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से सात गवाह पेश किए।

मेडिकल हुई मारपीट व दुष्कर्म की पुष्टि
विचारण कोर्ट में पीड़ित बालक ने अपने बयान व चिकित्सक के साक्ष्य में पीड़ित के साथ घटना के दौरान मारपीट व दुष्कर्म की पुष्टि हुई।

दुष्कर्म के मामले नरमी नही

कोर्ट ने अपने निर्णय में कथित तौर पर कहा कि बालक के प्रति दुष्कर्म व लैंगिक हमला एक गंभीर पृवृति का अपराध है। जो पीड़ित के शारिरिक, मानसिक स्वास्थ्य, शैक्षिक, नैतिक, सामाजिक व भावात्मक विकास के लिए हानिकारक है। विशेष कोर्ट ने पीड़िता के लिए बतौर प्रतिकर राशि के रूप में उचित आर्थिक सहायता निर्भया फण्ड से देने के आदेश दिए हैं। साथ ही उक्त निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजने व पीड़िता को उचित निर्धारण आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश दिए है। विशेष कोर्ट ने आरोपी युवक को 80 हजार रुपये के अर्थदंड भुगतने की सजा भी सुनाई है। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर उसे छह माह के अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं।

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