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गंगा घाटों के सौन्दर्यीकरण व रखरखाव के लिये होगा गंगा घाटों का आवंटन, प्रथम आवत, प्रथम पावत की नीति पर होंगे गंगा घाट आवंटित

 

गंगा घाटों का गोद लेना जरूरी है ताकि घाट सज व संवर सकें

हरिद्वार ब्यूरो

हरिद्वार । जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में आज मेला नियंत्रण भवन(सी0सी0आर0)हरिद्वार में जिला गंगा संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने गंगा घाटों को गोद लेने के सम्बन्ध में अधिकारियों व पदाधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। उन्होेंने कहा कि इन घाटों कों हम एजेंसी/संस्थाओं को तीन साल के लिये जो इच्छुक होंगे उन्हें आवंटित करेंगे। तीन वर्ष तक उस घाट पर सम्बन्धित का सूचना पट्ट निर्धारित नियमों एवं शर्तों के अनुसार स्थापित होगा। इसके लिये दो या ढाई लाख का शुल्क रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि इन घाटों के लिये बहुपयोगी कार्मिक तैनात होंगे और इन घाटों की पूरी देखभाल व रखवाली यही बहुपयोगी कार्मिक करेंगे। उन्होंने कहा कि गंगा के घाटों का नाम परिवर्तन के बजाय सम्बन्धित संस्था के नाम का वहां सूचना पट्ट लगा सकते हैं। उन्होेंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य गंगा के घाटों का सौन्दर्यीकरण व रखरखाव करना है। हम इन्हें निःशुल्क आवंटित नहीं कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पास सीमित संसाधन हैं। उन्होंने कहा कि 100-100 मी0 की दूरी पर मार्किंग की जायेगी, जो इच्छुक होंगे उन्हें प्रथम आवत, प्रथम पावत की नीति पर गंगा घाट आवंटित होंगे। उन्होंने कहा कि कुछ उद्योगों तथा संस्थानों ने गंगा घाटों को गोद लेने के लिये इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि गंगा घाटों का गोद लेना जरूरी है ताकि घाट सज व संवर सकें।
जिलाधिकारी ने कहा कि इन घाटों का आवंटन में सबसे पहले धार्मिक संस्थाओं को प्राथमिकता दी जायेगी। उसके बाद अन्य संस्थाओं को आवंटित करेंगे। उन्होंने गंगा सभा के पदाधिकारियों से कहा कि वे ऐसे घाटों के बारे में बतायें, जो परम्परा से जुडे हैं, उनके रखरखाव के सम्बन्ध में भी योजना बनानी पड़ेगी।
बैठक में गंगा घाटों के आसपास वेंडिंग जोन बनाने, गंगा से निकलने वाली खण्डित प्रतिमाओं को एक जगह सुरक्षित रखने, जगजीतपुर व मांजरा के बीच नाला टूटा होने तथा गंगा में नौकायन की संभावनायें तलाशने, 52 शक्तिपीठ, गंगा में डालफिन प्रोजेक्ट आदि के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में कृषि अधिकारी ने नमामि गंगे के तहत गंगा के किनारे बसे चिह्नित 75 गांवों को आर्गेनिक खेती के लिये प्रोत्साहित करते हुये आर्गेनिक खेती क्षेत्र के रूप में विकसित करने के सम्बन्ध में जानकारी दी।
जिलाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों को अपनी प्रगति रिपोर्ट यथाशीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। बैठक में श्री तन्मय वशिष्ठ, महासचिव, श्रीगंगा सभा, श्री रामेश्वर गौड़, श्री नीरज कुमार, डी0एफ0ओ0, श्री जयभारत सिंह, नगर आयुक्त, जल संस्थान, जल निगम, पर्यटन, कृषि विभाग आदि के अधिकारीगण एवं संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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