हरिद्वार ब्यूरो
हरिद्वार। जनपद हरिद्वार के चयनित नवाचारी शिक्षक एक अभिनव प्रयोग करते हुए प्राथमिक स्तर पर पढ़ाए जाने वाले पाठों का ई—कंटेन्ट तैयार करेंगे। इसके लिए रूपरेखा तैयार कर ली गयी है। आज जिलाधिकारी ने सभी विकासखण्डों के 140 शिक्षकों को संबोधित किया तथा जरूरी दिशा—निर्देश दिये। शिक्षकों को ब्लॉकवार जिम्मेदारी दे दी गयी है यह सभी शिक्षक संबंधित विकासखण्डों के उपशिक्षाधिकारियों के दिशानिर्देश में काम करेंगे। जनपद स्तर पर सीईओ इसके प्रभारी होंगे।
आज भेल के प्रशासनिक भवन सभागार में जनपद के सभी विकासखण्डों से आये 140 नवाचारी शिक्षकों, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, प्लान इंडिया, रूम टू रीड एवं एनएसएस के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने कहा कि पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। इस आपदा के समय में शिक्षा विभाग ने काफी संंजीदा रहते हुए प्रशासन को बड़ा सहयोग दिया है। उन्होने शिक्षकों के बॉर्डर से लेकर रेलवे स्टेशन एवं अन्य जगहो पर किये जा हरे कामों का ऐतिहासिक बताते हुए जमकर सराहना की। उन्होने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक हमारी चुनौतियां खत्म नहीं हो जाती। इस बीमारी से बच्चों के स्कूल बंद होने के कारण शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है। श्री रविशंकर ने कहा कि हम चाहते हैं कि जनपद हरिद्वार विभिन्न संसाधनों का प्रयोग करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल करे जो उत्तराखण्ड के लिए उपयोगी हो। उन्होने कहा कि कोविड के समय विभिन्न तरीकों से ई—कक्षाओं का संचालन करने के प्रयास किये गये परन्तु कोई भी बच्चा पढ़ाई की मुख्यधारा से दूर न हो इसके लिए ऐसे प्रयास हों जिससे आने वाले समय में बड़ी मदद मिले। इसके तहत जिलाधिकारी ने एक अभिनव पहल करते हुए विभिन्न विकासखंडो से आये 140 शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी की वह प्राथमिक कक्षाओं के सभी पाठों का वीडियोग्राफी करें जिससे बच्चा आफलाइन भी डाउनलोड कर घर में पढ़ाई कर सके। जिलाधिकारी ने जनपद हरिदार में चल रहे मेरा स्कूल मेरा घर कार्यक्रम की भी सराहना की। उन्होने कहा कि किसी भी स्कूल में संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होने सीएसआर के तहत स्कूलों को गोद लेने एवं महत्वकांक्षी जनपद के तहत डिजीटल सपोर्ट की भी बात कही।
अपने उद्बोधन में मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ0 आनन्द भारद्वाज ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों ने बढ़ चढ़कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है तथा आज भी विभिन्न मोर्चों पर शिक्षक डटे हुए हैंं। मेरा स्कूल मेरा घर अभियान की सफलता का श्रेय उन्होने जनपद सभी उपशिक्षाधिकारियों, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, रूमटूरीड, एनएसएस, प्लान इंडिया एवं शिक्षकों को दिया। उन्होने कहा कि इस अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं जिससे पढ़ाई से दूर हुए सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी वर्कशीट देकर पढ़ाया गया है। कार्यक्रम सभी विकासखण्डों के उपशिक्षाधिकारियों श्रीमती सुमन अग्रवाल बहादराबाद, श्रीमती दीप्ति यादव खानपुर, श्री अमित कौटियाल लक्सर, श्री कुंदन सिंह भगवानपुर, श्री सुबोध मलिक रूड़की एवं श्री बृृजपाल राठौड़ नारसन ने भी संबोधित किया तथा कोरोना काल में अपने विकासखण्ड में अध्यापन के क्रियान्वयन तथा भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के दीपक दीक्षित, एनएसएस के जिला समन्वयक डॉ0 एस.पी. सिंह, प्लान इंडिया के समन्वयक सुरेश बलौधी, शिक्षक हेमेन्द्र चौहान आदि ने मेरा घर मेरा स्कूल अभियान के तहत वर्कशीट निर्माण तथा बच्चों के अध्ययन आदि पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 शिवा अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर जिला समन्वयक दरबान सिंह भण्डारी, अमरीश चौहान, जितेन्द्र सिंह, गंगा प्रसाद कोठारी, विनेश चौहान सहित विभिन्न लोग उपस्थित रहे। सभी विकासखण्ड के उपशिक्षाधिकारियों को कक्षावार पाठयक्रम की वीडियोग्राफी की जिम्मेदारी सौंप दी गयी है।
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