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पूर्व मुख्यमंत्री का हरिद्वार दौरा: केंद्र और राज्य सरकार ने सनातन धर्म के सबसे बड़े कुम्भ मेले को मात्र औपचारिकता बना दिया

मनोज सैनी
हरिद्वार। कुंभ की उपेक्षा को लेकर पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार आज उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने हरिद्वार का दौरा किया। हरिद्वार दौरे के दौरान सर्वप्रथम हरीश रावत ने मां गंगा में स्नान व दुग्धाभिषेक कर मां गंगा की पूजा अर्चना करने के बाद हरिद्वार स्थित विभिन्न अखाड़ों में पहुंचे सन्त महात्माओं से आशीर्वाद लेने आंकड़ों में पहुंचे। सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा के सचिव महेंद्र मंदिर पुरी से मिलकर उनका आशीर्वाद किया। उसके बाद दिगंबर अखाड़े के बाबा हठयोगी तत्पश्चात निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर श्री कैलाशानंद ब्रह्मचारी से भी आशीर्वाद लेने काली मंदिर गए। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े के रविंद्रपुरी से भी उन्होंने आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य व केंद्र की भाजपा सरकार पर कुंभ मेले की अपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की और भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं पहले से कहता रहा हूं कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों कुंभ मेले की उपेक्षा कर रही है। इस बार कुंभ मेले के दौरान कोई भी व किसी भी प्रकार के स्थाई प्रकृति के कार्य नहीं हुए है। लक्सर से लेकर देवप्रयाग तक का क्षेत्र स्थाई कार्यों से वंचित है। उन्होंने कहा की त्रिवेंद्र सरकार ने हमारे कार्यकाल में बनाए गए निर्माण कार्यों पर ही रंग रोगन करा दिया। मेले को लेकर हरिद्वार व देशवासियों की बहुत सारी अपेक्षाएं थी लेकिन केंद्र सरकार ने कुम्भ मेले को लेकर बजट ही नहीं दिया। जिसके चलते राज्य सरकार ने कोई भी स्थाई कार्य नहीं किया। उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने मेले की अवधि और पर्वों को भी कम कर दिया है। दोनों सरकारों ने इतने बड़े मेले को मात्र औपचारिकता बना दिया है। इसके लिए आज मैं अपना दर्द बयां करने को कुम्भ नगरी हरिद्वार आया हूं और मैंने मां गंगा में स्नान करके अपनी व्यथा मां गंगा और देवी-देवताओं को सौंप दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुंभ मेले के आयोजन के लिए कोई योजना नहीं बनाई है। केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी दूसरे राज्यों में क्यों नहीं जारी की गई है। केवल हरिद्वार के लिए केंद्र सरकार ने एसओपी जारी कर दी है। एसओपी के साथ भी कुंभ मेले का आयोजन बड़े स्तर पर हो सकता है। हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार के साधु संत भी कुंभ मेले की उपेक्षा को लेकर मेरी पीड़ा को जानते हैं। हरिद्वार दौरे के दौरान हरीश रावत के साथ उनकी पुत्री अनुपमा रावत, प्रदेश प्रवक्ता मनीष कर्णवाल, पुरुषोत्तम शर्मा आदि सैकड़ों कार्यकर्ता साथ थे।

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