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तीर्थ पुरोहित ने लगाया पौथी से पन्ने चोरी का आरोप, कोतवाली में दी तहरीर, पढिये पूरी खबर

मनोज सैनी
हरिद्वार। हर की पैड़ी में कर्मकांड आदि करवाने वाले तीर्थ पुरोहित ने पौथी के कुछ पन्नों के चोरी करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली हरिद्वार में तहरीर दी है। प्राप्त जानकारी ने अनुसार तीर्थ पुरोहित ईशान शर्मा पुत्र स्व0 मुकेश कुमार शर्मा निवासी अपर रोड हरिद्वार ने तहरीर में लिखा है कि वह पेशे से तीर्थ पुरोहित है और गददी सेठ सूरज मल धर्मशाला अपर रोड हरिद्वार में है। साथ ही लिखा कि तीर्थ पुरोहिताई से अर्जित होने वाली आमदनी मेरे तथा मेरे परिवार की एकमात्र आजिविका का साधन है। दिनांक 18.11.2021 को उसे ज्ञात हुआ की उसके छोटे भाई अनमोल द्वारा उनकी राजस्थानी मारवाड की पौथी में से लगभग 60-70 पन्ने गायब है यह पन्ने सागर प्रधान पुत्र स्व० अजय प्रधान द्वारा शशांक राजेन्द्र सिखौला पुत्र सुसिखौला विक्रय किये गये है। बगैर हमारी जानकारी व अनुमति के (जिसकी तहरीर हरिद्वार कोतवाली में दी गयी थी) जब शशांक सिखौला से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उक्त पन्ने (जाट फडौदा) सागर प्रधान द्वारा उन्हें 50000 रूपये में विक्रय किये गये थे। जब कि सागर प्रधान सिर्फ एक गुमाशता (मुनीम) की तरह काम की देख रेख करता था उसे क्रय या विक्रय करने का कोई अधिकार नहीं था। शशांक सिखौला द्वारा निम्न पन्ने लौटाये गये। खडाला दाखा कूठाला मान्डपुरा हाथीथल इत्यादि। ईशान शर्मा ने आगे लिखा है कि कुछ पन्ने अभी भी लापता है जो निम्न प्रकार है पादरडी सुतला खारौडी परैउ गागरीया भालीखाल सिंहधरी मेवानगर बुडीवाडा वरीया आदि शशांक सिखौला द्वारा हमें लिखित में दिया गया है जो पन्ने हमारे लापता है शशांक जी द्वारा ना ही लिखे जाएंगे ना ही कर्मकान्ड आदि ही कराएगें। इसके साथ ही सागर प्रधान ने भी लिखित में अपनी भुल को स्वीकारा है तथा गुम हुऐं पन्नों की ढुंडने की जिम्मेदारी ली हैं। ईशान शर्मा ने बताया कि गुम हुऐं पन्नो से बीरत-जिजमानी कार्य में कोई भी अन्य व्यक्ति पन्नों का दुरूपयोग कर हमे आर्थिक व मानसिक रूप से क्षति पहुँचा सकता है। पुलिस ने उक्त मामले में जांच शुरू कर दी है।

इसी मामले में तीर्थ पुरोहित नरेश प्रधान ने भी एक तहरीर कोतवाली हरिद्वार में देते हुए लिखा है कि वह नरेश प्रधान पुत्र स्व० हरिराम प्रधान निवासी अपर रोड, हरिद्वार का निवासी है और उसकी आजीविका का एकमात्र साधन तीर्थ पुरोहिताई की आमदनी है। उसकी गद्दी हंसराज, मेघराज, नरेश प्रधान, सेठ सुखमल धर्मशाला में स्थित है तथा सम्पत्ति की किरायेदारी मेरे नाम से चली आती है। बिजली व पानी के कनेक्शन तीर्थ पुरोहिताई के कार्य को सुगम रूप से करने के लिए उसके द्वारा व उसके नाम से लगवाये गए हैं। करीब 2 माह पूर्व गददी पर बहियात के कुछ पन्ने सागर प्रधान पुत्र स्व० अजय प्रधान द्वारा चोरी कर अन्य व्यक्ति को बेचे गए। जिसका ज्ञान उसे कुछ दिन पूर्व हुआ, जिसकी तहरीर भी कोतवाली में दी गई थी। सागर प्रधान मेरे सगे भाई का पुत्र है, इसलिए मुझे उस पर पूर्व विश्वास था, परन्तु चोरी का कृत्य कर सागर ने ना सिर्फ मेरे विश्वास को तोड़ा है, बल्कि मेरी रखी हुई पोथियों को भी खुर्द-बुर्द होने का भय उत्पन्न हो गया है। इसलिये यदि भविष्य में किसी भी प्रकार की कोई चोरी या नुकसान गद्दी पर होता है तो उसका जिम्मेदार सागर प्रधान होगा तथा जनहित में गददी में इसका आना निषेध किया जाए, क्योंकि यह पोथियां मुझे मेरे पुरखों से विरासत में मिली है। जिसमें राजस्थान व मारवाडी के कई व्यक्तियों का ब्योरा दर्ज है। उन्होंने भी पुलिस से इस विषय में उचित कार्यवाही की मांग की है।

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