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डीएम बनकर नौकरी दिलाने के नाम ठगी करने और महिला को शादी का झांसा देकर शरीरिक शोषण करने वाला आरोपी आया पुलिस की गिरफ्त में। विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

क्राइम ब्यूरो
हरिद्वार। ऊधमसिंह नगर का डीएम बनकर बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए कोतवाली ज्वालापुर व रानीपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। जबकि गिरोह में शामिल उसकी मां, प्रोपर्टी डीलर समेत तीन लोग फरार है। जिनकी पुलिस सरगर्मी से तलाश में जुटी है। गिरोह के सरगना द्वारा अपने ही क्षेत्र की एक युवती को पीडब्ल्यूडी विभाग में निरीक्षण पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर डेढ लाख हड़पने तथा बाद में एसडीएम के पद पर तैनात करने का झांसा देकर भाई का मकान हड़पने का आरोप है। वहीं गिरोह के सरगना नकली डीएम पर शिवालिकनगर की एक महिला को शादी का झांसा देकर शरीरिक शोषण करते व परिवार को विश्वास में लेकर कई प्लांट अपने नाम कराने तथा फर्जी कागजातों के आधार पर कारें हड़पने का भी आरोप हैं। नकली डीएम ने लोगों को झांसा देने के लिए उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी हुई गाड़ी का इस्तेमाल करते हुए अपने साथ ड्राइवर और गनर रखा हुआ था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। जिसको मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। पुलिस गिरोह के फरार आरोपियों की तलाश में जुट गयी हैं और उनके सम्भावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
कोतवाली ज्वालापुर सीओ निहारिका सेमवाल ने बताया कि एक युवती चेतना अरोड़ा पुत्री स्व. अमरनाथ अरोड़ा निवासी खन्ना नगर ज्वालापुर हरिद्वार ने 21 सितम्बर 23 को कोतवाली ज्वालापुर में तहरीर देकर शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि निहार कर्णवाल पुत्र स्व. राजेंद्र कर्णवाल निवासी खन्नानगर ज्वालापुर जिसके द्वारा स्वयं को ऊधमसिंह नगर का डीएम बताते हुए उसको पीडब्ल्यूडी विभाग में निरीक्षण अधिकारी के पद पर नौकरी दिलवाने के नाम पर उससे 6,50,000 की मांग की गई थी। बताया कि निहार कर्णवाल द्वारा डीएम का अहसास कराने के लिए उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी हुई गाड़ी का इस्तेमाल करते हुए चालक व गनर रखता था। जिसको देखकर उसे निहार कर्णवाल पर विश्वास हो गया। उसकी बीमार मां नीलम अरोड़ा ने निहार कर्णवाल को शुरू में 1,50,00 रुपए दिए गये लेकिन कुछ समय बाद डीएम बने निहार कर्णवाल ने बताया गया कि वह नौकरी अब समाप्त हो गई है। अब वह उसको एसडीएम के पद पर नौकरी दिला सकता है।

आरोप हैं कि इस नौकरी के एवज में निहार कर्णवाल ने उससे 70 लाख रुपए की मांग की गई। उन्होंने बताया कि उसने निहार कर्णवाल के झांसे में आकर अपने भविष्य को देखते हुए एसडीएम नौकरी के लिए 70 लाख देने की हामी भर दी। लेकिन उसकी माताजी व भाई द्वारा 70 लाख रुपए की व्यवस्था एकाएक ना हो पाने पर निहार कर्णवाल को इस बात की जानकारी दी गयी। जिस पर निहार कर्णवाल ने कहा कि नौकरी के लिए केवल एक ही पद है काफी लोग प्रयासरत हैं वह उधमसिंहनगर का डीएम है इस कारण वह नौकरी लगा सकता है। निहार कर्णवाल ने बताया गया कि वह अपने साथियो के माध्यम से एक दिन में उसके भाई का मकान बिकवा कर करीब 70 लाख रुपए उन्हें दिलवा सकता है। उसने अपने साथियों मैंमकिला व निशांत कुमार गुप्ता तथा अन्य के साथ मिलकर उसके भाई का मकान खरीदने की इच्छा की गई।

सीओ ने बताया कि पीडिता ने तहरीर में कहा हैं कि 30 अगस्त 2023 को निहार कर्णवाल ने अपने साथी मैंमकिला को रजिस्टार ऑफिस भेजकर मकान के सम्बंध में लिखा पढी करायी गयी। जिन्होंने लिखा पढी करने के बाद उसके भाई को दो चैक देकर कहा कि चैक से ना लगाना और बाद में आरटीजीएस के जरिये पैसा देने की बात कहते हुए चैक वापस ले लिये लेकिन निहार कर्णवाल ने उसकी नौकरी नहीं लगवाई। जब उनकी असलियत का पता चला तो उसने अपने दिये गये पैसे और भाई का मकान वापस करने के लिए दबाब डाला और पुलिस में शिकायत करने की बात कही। आरोप हैं कि निहार कर्णवाल ने पीडिता को धमकी दी कि यदि पुलिस से शिकायत की तो वह उसे व उसकी मां को जान से मार डालेगा।

पुलिस ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि पीडिता ने तहरीर में आरोप लगाया हैं कि निहार कर्णवाल द्वारा शिकायत वापस लेने के लिए धमकी दी जा रही हैं। जिसकी जानकारी मिलने पर पुलिस ने नकली डीएम को हरिद्वार से बाहर भागने की फिराक करते वक्त ऋषिकुल तिराहा हाईवे से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह अपने साथियो निशाँत कुमार गुप्ता, निखिल बेनिवाल व उसकी मां मैमकिला के साथ मिलकर एक गिरोह के रूप में काम करते है व एक षडयंत्र के तहत बेरोजगार युवक-युवतियो को अपना निशाना बनाकर उनको सरकारी नौकरी का लालच देकर ठगी करते है। सीओ निहारिका सेमवाल ने बताया कि इसी दौरान जांच में पता चला कि निहार कर्णवाल ने अपने को डीएम बताकर शिवालिक नगर की एक महिला को शादी का झासा देकर शारिरीक शोषण करते हुए उसके परिवार को विश्वास में लेकर उसकी माता से कुछ प्लाट अपने नाम पर गलत तरीके से गिफ्ट करवा लिये तथा फर्जी कागजात के आधार पर उनकी कारे हड़प ली। जिस सम्बन्ध में निहार कर्णवाल के खिलाफ कोतवाली रानीपुर में भी मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। जिसको मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। पुलिस टीम गिरोह के फरार तीन आरोपियों की तलाश में जुटी है। नकली डीएम गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम मे क्षेत्राधिकारी ज्वालापुर सुश्री निहारिका सेमवाल, प्रभारी निरीक्षक ज्वालापुर कुन्दन सिंह राणा, प्रभारी निरीक्षक रानीपुर नरेन्द्र बिष्ट, एसएसआई ज्वालापुर सन्तोष सेमवाल, चौकी प्रभारी रेल विकास रावत, उपनिरीक्षक रानीपुर पूजा मेहरा कोतवाली आदि शामिल रहे।

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