मनोज सैनी
देहरादून। प्रदेश में अगले साल 1 अप्रैल 2024 से बिजली 27 लाख उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का करंट लगने वाला है। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की बोर्ड बैठक में बिजली की दरों में 23 से 27 प्रतिशत बढ़ोतरी की प्रस्ताव को सहमति दे दी गई है। इसके बाद यूपीसीएल दरें बढ़ाने को लेकर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर करेगा। शनिवार को ऊर्जा भवन में अपर मुख्य सचिव एवं निगम की अध्यक्ष राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई। जिसमें बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया। बैठक में यूपीसीएल ने बिजली की दरें बढ़ाने के पीछे करोड़ों की देनदारी और सेंट्रल पूल, एसजेवीएनएल, यूजेवीएनएल, टीएचडीसी, एनटीपीसी से महंगी बिजली मिलने का तर्क दिया।
वर्तमान में यूपीसीएल को राज्य की मांग पूरी करने के लिए बिजली खरीदने के लिए 1281 करोड़ ज्यादा देने पड़ रहे हैं। इसकी भरपाई के लिए अगले साल से 23 से 27 प्रतिशत बिजली दरों में बढ़ोतरी की सिफारिश की गई। बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बोर्ड सदस्यों के चर्चा के बाद यूपीसीएल विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर करेगा। आयोग जनसुनवाई के बाद विद्युत टैरिफ पर निर्णय लेगा।
पाठकों को बता दें कि प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार चल रहा है। इस साल बिजली दरों में 9.64 प्रतिशत जबकि पिछले साल 2.68 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई थी। अप्रैल में दरों में बढ़ोत्तरी के साथ ही हर महीने भी बिजली की दरें बदल रही हैं। जिससे कई उपभोक्ता दर के चक्कर में उलझ रहे हैं। इसके साथ ही अलग अलग तरह के सरचार्ज में बदलाव से भी लोगों को बिजली बिलों का गणित समझ नहीं आ रहा। प्रदेश में बिजली के 27 लाख उपभोक्ता हैं। ऐसे में बिजली दरों में इजाफे का इन सभी उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। बिजली की बढ़ रही दरों से आम उपभोक्ता पहले ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और दरें बढ़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
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