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क्या कांग्रेस के गुटबाज नेताओं ने निकाय चुनाव और केदारनाथ उपचुनाव हरवाने की सुपारी ले ली है?

मनोज सैनी
हरिद्वार। कहते हैं की कांग्रेस को कांग्रेसी ही हरवाते हैं, इसके अतिरिक्त अन्य किसी दल में कांग्रेस को हराने की कुव्वत नहीं है। उत्तराखंड में निकाय चुनाव और केदारनाथ का उपचुनाव सिर पर है और कांग्रेस कार्यकर्ता विपक्ष में होने के बावजूद भी कमर कसकर खड़ा है। ऐसे में कांग्रेस की उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी सुश्री सैलजा का एक पत्र शिक्षक मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है “प्रिय श्री करन माहरा जी, मेरे संज्ञान में आया है कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस संगठन व जिला/ब्लॉक संगठन में कुछ अस्थायी/स्थायी नियुक्तियाँ की गई हैं। ऐसी सभी नियुक्तियाँ जो एआईसीसी की मंजूरी के बिना की गई हैं, उन्हें तुरंत रद्द किया जाता है।”


जब इस पत्र की जांच के लिए प्रदेश प्रभारी सैलजा जी के ऑफिस में की तो उन्होंने कहा की उनके संज्ञान में ऐसा कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। तो सवाल बनता है कि आखिर यह पत्र सोशल मीडिया में ऐसे समय में क्यों वायरल किया जब उत्तराखंड में निकाय चुनाव और केदारनाथ उपचुनाव सिर पर है? और कांग्रेस मंगलौर और बद्रीनाथ सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत के चलते कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है। इतना ही नहीं धामी सरकार में ध्वस्त होती कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, खुलेआम चोरी, डकैती, चैन लूट की घटनाओं और हरिद्वार में कोरिडोर को लेकर कांग्रेस ने जितने आंदोलन, धरने और प्रदर्शन किए उससे कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। ऐसे में सवाल बनता है की आखिर किन गुटबाज नेताओं की शह पर ऐसा पत्र वायरल करवाया गया? क्या उन्होंने कांग्रेस को आगामी निकाय चुनाव और केदारनाथ में हरवाने की सुपारी ले ली है। सवाल तो और भी कई हैं मगर वर्तमान हालात में यही प्रतीत होता है की कांग्रेस को कांग्रेसी ही हारते हैं। अन्य किसी दल में इतनी हिम्मत और साहस नहीं कि वो कांग्रेस को हरा सके।

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