सुरेंद्र शर्मा
हरिद्वार। उत्तराखंड निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी को झटके पर झटके लगने के साथ महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के टिकट वितरण में बड़े नेताओं द्वारा अपने चहेतों को टिकट बांटने के आरोप और टिकट बेचने के भी आरोप लग रहे हैं। जिससे पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश दिखाई पड़ रहा है। कांग्रेस के बड़े और छोटे नेताओं सहित कांग्रेस संगठन का काम देख रहे मथुरा दत्त जोशी ने भी बड़े नेताओं की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि निकाय चुनाव में कांग्रेस सत्ताधारी दल से कैसे लड़ पाएगी?
जनपद हरिद्वार की मंगलौर नगर पालिका से कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी इस्लाम का नामांकन पत्र खारिज होने के बाद मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन ने प्रेस वार्ता कर मंगलौर के चेयरमैन पद के उम्मीदवार चौधरी इस्लाम और उनके साथ भरे गए दोनों पर्चों को बड़ी साजिश के तहत निरस्त कर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया है। काजी निजामुद्दीन ने कहा कि इस दिन को काले दिन के रूप में देखा जाएगा, जब एक ही प्रत्याशी के तीनों पर्चे कैंसिल कर दिए गए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन अधिकारी के फोन की डिटेल निकलवानी भी जरूरी है, ताकि पता चल सके कि इस बीच किन राजनीतिक दलों के नेताओं के फोन उनके पास आए। किनके इशारे पर इस बड़ी साजिश को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की यह एक सोची समझी साजिश है, जिसके तहत जिताऊ कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा निरस्त किया गया है। चौधरी इस्लाम का पर्चा खारिज होने के बाद उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया और गड़बड़ी का आरोप लगाया। विधायक काजी निजामुद्दीन ने आरोप लगाया कि मंगलौर उपचुनाव की हार का बदला भाजपा सरकार ने चौधरी इस्लाम का पर्चा खारिज कर लिया है। यह लोकतंत्र की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से भी वह पीछे नहीं हटेंगे। कांग्रेस की पिछले 40-50 वर्षों से सेवा कर रहे पूर्व दर्जाधारी राज्यमंत्री ज्वालापुर निवासी बाबू नईम अख्तर कुरैशी ने भी पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी पुत्र वधु को निर्दलीय मैदान में उतार दिया है।
देहरादून में हरबर्टपुर से कांग्रेस की नगर पालिका अध्यक्ष पद की प्रत्याशी यामिनी रोहिला का नामांकन निरस्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि जांच में उनका जाति प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया गया है। जाति प्रमाण पत्र को लेकर रिटर्निंग अफसर के पास शिकायत दर्ज करवाई गई थी। वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात में कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
एक अन्य घटनाक्रम में कांग्रेस नेता एवं दर्जा प्राप्त मंत्री रहे बिट्टू कर्नाटक ने बुधवार को कांग्रेस को अलविदा कह दिया। वह कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ ही नगर से लेकर प्रदेश तक के कई पदों पर रह चुके हैं। बिट्टू कर्नाटक ने प्रेस वार्ता कर कहा कि कांग्रेस में नैतिक मूल्यों का अब कोई स्थान नहीं रह गया है। लगातार कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। इसका उदाहरण नगर निगम चुनाव में कार्यकर्ताओं को मेयर का टिकट न देकर बाहरी व्यक्ति को सिर-आंखों पर बिठाना है। उन्होंने कहा कि जो कार्यकर्ता वर्षों से कांग्रेस को मजबूत करने का काम कर रहे हैं, चुनाव के वक्त उनको दरकिनार कर केवल दरी बिछाने का काम कराया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा ओबीसी सीट होने के बाद कांग्रेस ने अपने जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को टिकट न देकर मात्र एक दिन के भीतर बाहरी व्यक्ति को सदस्यता दिलवाकर टिकट का आवंटन कर दिया। कांग्रेस पार्टी केवल और केवल एक प्राइवेट फार्म बनकर रह गई है, जिसको कुछ चुनिंदा लोग संचालित कर रहे हैं।
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