किराए के मकान में प्रेमी संग लिव इन में रह रही थी महिला
मनोज सैनी
हरिद्वार। प्रेमी संग लिव इन में रह रही महिला ने अपने पति के साथ मिलकर प्रेमी की हत्या को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपी पति पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक 28 जून को श्रीराम पुत्र राधाकृष्ण निवासी ग्राम खजुरिया धुरिया पलिया थाना माधोटाण्डा कलीनगर जिला पीलीभीत उप्र ने अपने भाई को जहर देकर मारने के संबंध में थाना सिडकुल में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर में बताया गया कि उसका भाई लक्ष्मण पुत्र राधाकृष्ण निवासी ग्राम बीरखेड़ा माधवटांडा पीलीभीत (उप्र) कुछ माह पहले हरिद्वार आया था, जो अंजू देवी पत्नी मधु निवासी ग्राम कुडांव थाना जरमुंडडी पोस्ट राजन मारा कुण्डा दुमका झारखण्ड के प्रेमजाल में फंस कर उसके साथ थाना सिडकुल क्षेत्रांतर्गत चौहान मार्केट रावली महदूद में किराए में कमरा लेकर रिलेशनशिप में रह रह था, जिसको अंजू देवी ने अपने पति के साथ मिलकर मार दिया है और वे दोनों भाग गए हैं। घटना का पता जब चला जब थाना सिडकुल क्षेत्र के एक घर से तेज गंध आने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर सिडकुल पुलिस मौके पर पहुंची तो दरवाजा तोड़कर अंदर की स्थिति देखकर हर कोई भौंचक्का रह गया था। वहां लक्ष्मण की लाश पड़ी थी।
घटना के सफल खुलासे हेतु गठित पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल से साक्ष्य संकलन के साथ साथ आसपास के 300 से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक कर मुखबिर को सक्रिय किया गया। मुखबिर की सूचना पर आरोपी महिला व उसके पति को बस अड्डे से रानीपुर मोड की ओर आते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी महिला अंजू देवी की शादी लगभग 9 वर्ष पूर्व मधु राय से झारखंड में हुई थी। जहां मधु राय घर जमाई के रूप में रहता था, लेकिन जल्दी ही दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव हो गया और मधु राय ने अपनी पत्नी अंजू देवी को मारना पीटना शुरू कर दिया, जिससे तंग आकर एक दिन अंजू देवी घर छोड़कर सीधे बरेली चली गई, जहां पीलीभीत से काम की तलाश में बरेली आए लक्ष्मण से उसकी मुलाकात हुई। लक्ष्मण उस समय पोकलैंड मशीन चलाता था जल्दी ही दोनों की दोस्ती हो गई और दोनों ने साथ रहना शुरू कर दिया।
एक दिन लक्ष्मण, अंजू को अपने घर पीलीभीत ले गया, जहां घर वालों ने शादीशुदा महिला को घर लाने पर आपत्ति की। जिससे दोनों काम की तलाश एवं रहने के इरादे से हरिद्वार आकर मजदूरी करने लगे और सिडकुल क्षेत्र में रहने लगे।
हरिद्वार में प्रेम शंकर आश्रम में अंजू देवी के कोई परिचित रहते थे जिनसे मिलने कभी-कभी अंजू देवी जाया करती थी। वहीं किसी दिन सत्संग के दौरान अंजू देवी की मुलाकात अपने पति मधु राय हो गई, जिस पर पुरानी बातों को लेकर दोनों के बीच में गिले शिकवे हुए और कई साल बाद अपने लगभग 8 साल के बेटे को देखकर अंजू देवी को बड़ा अच्छा लगा।
अंजू देवी ने अपने प्रेमी लक्ष्मण को बोलकर अपने कमरे के पास में ही मधु राय व बेटे की रहने की व्यवस्था करा दी और आसपास सभी से कहा कि यह मेरा भाई और यह मेरा भतीजा है। सभी का रोज मिलना जुलना होने लगा। लेकिन वक्त बीतने के साथ जब लक्ष्मण को शक हुआ तो उसने अंजू देवी के साथ मारपीट शुरू कर दी यह बात मधु राय को बहुत बुरी लगी। तब दोनों पति-पत्नी (मधु राय एवं अंजू देवी) ने लक्ष्मण को अपने रास्ते से हटाने का मन बना लिया।
एक दिन मौका पाकर दोनों ने खाने में जहर मिलाकर लक्ष्मण को दिया और उसके बेहोश/मरने पर कमरा बंद करके भाग गए। इसके कई दिन बाद कमरे से बदबू आने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी और पूरी घटना इस तरीके से सामने आई।
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