
मनोज सैनी
हरिद्वार। किशोरी से बलात्कार, हत्या के मामले में आरोपी शांतरशाह ग्राम प्रधानपति और पिछड़ा वर्ग आयोग के निष्कासित सदस्य आदित्य राज सैनी गांव की आपसी राजनीति और भाजपा के सैनी नेताओं की राजनीति के शिकार हो गए हैं। आदित्य राज सैनी पर लगे गंभीर आरोपों की जब हमने ग्राउंड जीरो पर जाकर जानकारी ली तो गांव वासियों का कहना था कि वैसे तो आदित्य राज सैनी शातिर दिमाग का व्यक्ति है लेकिन वह दुष्कर्म और हत्या कभी नहीं कर सकता। उनके विरोधी रहे गांव वासी भी इस बात से सहमत थे कि वह विवादित और उल्टे सीधे कार्यों में तो रहता है मगर हत्या और दुष्कर्म जैसी घटना को अंजाम नहीं दे सकता। अब बात आई की आखिर उसका नाम इस घटना में कैसे आया तो गांव वासियों ने बताया की शांतरशाह गांव में सैनी समाज में दो गुट बने हुए है। एक गुट आदित्य राज सैनी का और एक गुट पूर्व प्रधान का। गांव वासियों का कहना है की कई साल पहले आदित्य राज सैनी ने दूसरे गुट के सैनी समाज के बेटे को पोस्को मामले में जेल भिजवाया था, उसी का बदला लेने के लिए आदित्य राज के विरोधी गुट ने मौके की तलाश में थे और उन्होंने नाबालिग किशोरी के परिजनों से मिलकर आदित्य का नाम तहरीर में लिखवा दिया क्योंकि दूसरा मुख्य आरोपी आदित्य राज के साथ काम करता था।
गांव वासियों ने यह भी बताया की कलियर विधान सभा क्षेत्र में भाजपा के जय भगवान सैनी और मुनीश सैनी के दो गुट काम करते है, जो एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए किसी भी मौके की तलाश में रहते है, उसी का नतीजा है की आदित्य राज सैनी पर पहले बलात्कार, हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया और दोष सिद्ध होने से पहले ही आनन फानन में पार्टी से निष्कासन करवा दिया। इतना ही नहीं गांव वालों ने बताया की मृतक किशोरी से आदित्य राज का दूर दूर तक कोई मतलब वास्ता नहीं है लेकिन उसके बावजूद विरोधी पक्ष ने मृतक किशोरी से मिलकर तहरीर में आदित्य राज सैनी का नाम डलवा दिया। गांव वासियों का पूर्ण विश्वास है कि यदि पुलिस ने घटना की निष्पक्षता के साथ जांच की तो आदित्यराज सैनी निर्दोष साबित होगा।
बहरहाल अभी तो पुलिस ने आरोपी भाजपा नेता आदित्य राज सैनी पर हत्या और बलात्कार जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है अब तो पुलिसिया जांच के बाद ही सत्यता की जानकारी लग पाएगी की वह इस गंभीर मामले में दोषी है या नहीं। मगर स्थानीय ग्राम वासियों चाहे वह उसके समर्थक हो या विपक्षी उन सभी का यह विश्वास है की वह ऐसी घिनौनी घटना को अंजाम नहीं दे सकता।
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