मनोज सैनी
प्रयागराज। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरखपीठ के प्रमुख योगी आदित्यनाथ का एक बयान “बंटोगे तो कटोगे” काफी सुर्खियों में छाया रहा जिसे भाजपा और संघ दोनों ने तो स्वीकृत दे दी थी मगर सत्ता में बड़े पदों पर बैठे प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों ने भी इसका खूब प्रचार किया और जमकर फायदा उठाया। अनेक तथाकथित संतों और चरण चुम्बकों ने भी खूब प्रचारित कर देश में नफरत का माहौल बनाने का घटिया प्रयास किया।
आज योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए बयान पर हिन्दू धर्म और हिंदू धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों इस समय हैरान हो रहे होंगे जब भाजपा और आपको सनातन धर्म का ध्वज वाहक प्रचारित करने वाले योगी आदित्यनाथ की सरकार वाली उत्तर प्रदेश के प्रयागराज(इलाहाबाद ) से बड़ी खबर सामने आई है, जहां प्रयाग राज महाकुंभ के लिए होने वाली बैठक से पूर्व ही अखाड़ों की बैठक में संतों में आपस में ही गाली गलौच और जूतम पैजार की वीडियो सामने आ गया। जिसके चलते अखाड़ों के बीच होने वाली बैठक भी नहीं हो पाई। कई संतों के घायल होने की भी खबरें सामने आ रही है।
संत महात्मा और अखाड़ों का सबसे महत्वपूर्व दायित्व सनातन धर्म की रक्षा और उसका प्रचार प्रसार करना है मगर देखने में आ रहा है कि अब संत महंत केवल ऐशो आराम, सत्ताधारियों की चाटुकारिता या फिर अखाड़ों की जमीन बेचने तक सीमित रह गया है और ऐसी हैरान करने वाली वीडियो सामने आ रही है।
मीडिया से मिली रिपोर्ट के प्रयागराज महाकुंभ को मिला प्राधिकरण कार्यालय में अखाड़ों की बैठक में होने वाली थी कि अखाड़ा परिषद के नाम पर दो धड़ों में बंटी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के दोनों गुटों में देखते ही देखते आपस में ही गाली गलौच और जमकर हंगामा जूतम पैजार शुरू हो गई।
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