
सुनील मिश्रा
हरिद्वार। गंगा दशहरा कल 16 जून 2024 रविवार को मनाया जाएगा। गंगा दशहरा पर्व पर तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने विशेष जानकारी देते हुए बताया कि ज्येष्ठ माह की शुक्ल दशमी तिथि पर मां गंगा का “अवतरण”भूलोक पर हुआ था राजा भगीरथ की तपस्या पर मां गंगा का अवतरण संसार के कल्याण के लिए हुआ। ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को, इसलिए इस दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान से हर प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है विशेषतः दस प्रकार के पाप होते हैं।
कायिक, वाचिक और मानसिक पापों से मुक्ति मिलती है। जैसे तीन प्रकार के कायिक पाप,चार प्रकार के वाचिक, और तीन प्रकार के मानसिक पाप नष्ट हो जाते हैं। गंगा दशहरे के दिन स्नान करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं। इस वर्ष 16 जून 2024 को विशेष योगो में गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन रविवार हस्त नक्षत्र 11:13 तक उसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारंभ होगा सर्वार्थ सिद्धि योग,अमृत सिद्धि योग,रवि योग, वरियन योग, कई वर्षों के बाद एक साथ पढ़ रहे हैं। शनि कुंभ राशि पर विराजमान है जो शशयोग का निर्माण कर रहे हैं। गंगा दशहरे पर गंगा स्नान करें।
क्या करना है गंगा दशहरे पर
मां गंगा का विशेष पूजन करें 11 किलो दूध, 10 दीपक, 10 प्रकार के फूल, 10 प्रकार की मिठाई, 10 पान के पत्ते, 10 प्रकार के फल, 16 मुट्ठी जौ, 10 सुपारी,10 लॉन्ग, 10 इलायची, काले तिल, रोली, हल्दी,मेंहदी,गुलाल लाल,पीला,गुलाबी,अबीर, इत्र,धूप कलावा आदि से गंगा जी का विशेष पूजन करें। 10 की संख्या में दान करें, 10 ही ब्राह्मण को दान या भोजन कराएं। जल, अन्न, फल, नमक, तेल, चीनी,एक जोड़ा वस्त्र मिठाई, सोना, चांदी का दान करें। सामर्थ्य हो तो गौ दान या भूमि दान भी कर सकते हैं। तिल के लड्डू का मां गंगा को भोग लगाएं, 10 किलो तिल 10 किलो जौ और 10 किलो गेहूं, 10 ब्राह्मण को दे। व्रत करें,पूजा पाठ करें,यज्ञ करें गंगा घाट पर जाएं तो अपने पितरों के निमित्त तर्पण अवश्य करें,संध्या के समय दीप दान करें।
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