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मनोज सैनी
हरिद्वार। कहते हैं राजनीति में न कोई स्थाई दोस्त होता है और न स्थाई दुश्मन। निकाय चुनाव के बाद आजकल यही हाल हरिद्वार की राजनीति में हो रहा है। कल तक जो नगर विधायक मदन कौशिक के समर्थक थे, आज वे दूसरे दल में जाकर बेगाने हो गए और जो जिला बदर (हिस्ट्री शीटर) थे आज वे विधायक और उनके समर्थक पार्षदों के चहेते बन गए।
निकाय चुनाव से पूर्व खन्ना नगर निवासी पूर्व भाजपा नेता दीपक टंडन नगर विधायक मदन कौशिक के खास समर्थक थे, मगर निकाय चुनाव में भाजपा से पार्षद का टिकट न मिलने पर उन्होंने सपत्नीक कांग्रेस का दामन थाम लिया और निकाय चुनाव में नगर विधायक के गृह वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में खड़ी उनकी पत्नी श्रीमती आयुषी टंडन ने भाजपा प्रत्याशी श्रीमती मोनिका सैनी को कड़ी टक्कर दी, मगर चंद वोटों से हार गए। बस यहीं से दीपक टंडन के साथ भाजपा नेताओं द्वारा साजिशों का दौर शुरू कर दिया गया।
बसंत पंचमी के दिन माननीय विधायक मदन कौशिक द्वारा उत्तरी हरिद्वार में नव निर्वाचित पार्षद सूर्यकांत शर्मा के घर उड़ाई गई पतंग की डोर मामले में पहले कोतवाली हरिद्वार में दीपक टंडन सहित तीन कांग्रेसी नेताओं पर मुकदमा दर्ज हो गया, जिसके बाद कांग्रेसियों ने कोतवाली में नगर विधायक के खिलाफ प्रदर्शन कर पुलिस से निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की। साजिश का मामला यहीं नहीं थमा।
5 फरवरी की देर रात जिला बदर(हिस्ट्री शीटर) विष्णु अरोड़ा ने कनखल थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि दीपक टंडन ने जगजीतपुर के एक बैंकेट हाल में एक शादी समारोह में उसे रिवॉल्वर दिखाते हुए कई राउंड फायरिंग की, जिससे वे वहां से अपनी जान बचाकर भाग निकले। इस पर कनखल पुलिस ने गुरुवार को मौके पर जाकर सघन जांच की, मगर कोई साक्ष्य नहीं मिला, जिससे ये साबित हो सके कि दीपक टंडन ने हिस्ट्री शीटर विष्णु अरोड़ा पर गोली चलाई। मामले में कोई कार्यवाही न होने पर गुरुवार को हिस्ट्रीशीटर विष्णु अरोड़ा के समर्थन में नगर विधायक मदन कौशिक समर्थक पार्षद सुनील अग्रवाल, भूपेंद्र सिंह, ललित रावत, पार्षद पति सचिन बेनीवाल आदि पूरी टीम पुलिस पर नाजायज दबाव बनाते हुए कांग्रेसी नेता के खिलाफ कार्यवाही को लेकर कनखल थाने में जुटे रहे। जबकि पुलिस की प्रारंभिक जांच में कांग्रेसी नेता पर लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं। बड़ा सवाल यह है कि एक हिस्ट्रीशीटर की पैरवी में पूरी भाजपा आखिर क्यों उतरी हुई है?
बता दें कि वर्ष 2022 में हिस्ट्रीशीटर विष्णु अरोड़ा ने अपने साथियों के साथ मिलकर खन्ना नगर में दीपक टंडन के घर पर दिनदहाड़े फायरिंग की थी। जिससे कॉलोनी में अफरा-तफरी मच गई थी। बाद में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद कई राज्यों में छापेमारी करते हुए आरोपी विष्णु और उसके साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। विष्णु अरोड़ा के खिलाफ शहर कोतवाली, ज्वालापुर कोतवाली और कनखल थाने में झगड़े मारपीट, जानलेवा हमले की धाराओं में कई मुकदमें दर्ज चले आ रहे हैं। खन्नानगर गोलीकांड के बाद एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर ज्वालापुर कोतवाली में उसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।
वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर दीपक टंडन और उनकी पत्नी आयुषी टंडन ने कहा कि हिस्ट्रीशीटर विष्णु अरोड़ा के लगाए आरोप बेबुनियाद है। पूर्व में भी उसने मेरे घर पर पहुंचकर कातिलाना हमला किया था,तब उसे जेल भेजा गया था। पार्षद का चुनाव मेरी पत्नी कांग्रेस से लड़ी थी। उन्होंने कहा कि नगर विधायक मदन कौशिक के इशारे पर सभी साजिश मेरे खिलाफ रची जा रही है। पुलिस की जांच में पूरा मामला दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि उनके या उनके परिवार के साथ कुछ भी अनहोनी होती है तो उसके जिम्मेदार नगर विधायक होंगे और वे अपने पूरे परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास पर धरने पर बैठ जायेंगे।
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