
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर कड़ा रुख अपनाते हुए चुनाव अधिकारी अनील मसीह को फटकार लगाते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लोकतंत्र के साथ मजाक और लोकतंत्र की हत्या करार दिया। अब पूरे मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी से वीडियो फुटेज का पेन ड्राइव मांगा। सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहले से ही ये निर्देश था कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए। सिंघवी ने कोर्ट में बोलते हुए कहा कि हमें चुनाव में पहले से गड़बड़ी की आशंका थी। चंडीगढ़ मेयर चुनाव का पूरा वीडियो चलाकर सुप्रीम कोर्ट में दिखाया गया। सीजेआई ने एसजी तुषार मेहता से कहा कि आप नए सिरे से चुनाव कराएं। सीजेआई ने कहा कि वीडियो में जो कुछ नज़र आ रहा है, वो लोकतंत्र के साथ मजाक है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे कहा कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चुनाव को सही तरीके से कराने में असफल रहा है। सीजेआई ने चुनाव अधिकारी पर सवाल उठाते हुए वकील मनिंदर सिंह से कहा कि ये स्पष्ट है कि चुनाव के दौरान मतपत्रों से छेड़छाड़ की गई। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। वे कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं? वकील साहब ये लोकतंत्र का मजाक है और लोकतंत्र की हत्या है। अदालत पूरी घटना से आश्चर्यचकित है। क्या एक रिटर्निंग ऑफिसर का ये बर्ताव सही है। रिटर्निंग अधिकारी को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट उस पर नजर रख रहा है। सीजेआई ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों का पूरा रिकॉर्ड हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त कर लिया जाए और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखा जाए। रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस जारी करते हैं कि वो रिकॉर्ड सौंप दें।
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