हरिद्वार ब्यूरो
हरिद्वार। जिला और मेला अस्पताल में कोरोना टेस्टिंग को लेकर मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। दोनों अस्पतालों में टेस्टिंग का जिम्मा एक एनजीओ को सौंपा गया है और एनजीओ के कर्मचारी अपनी मनमर्जी से काम कर रहे हैं जिसका खामियाजा वहां के चिकित्सकों व स्टाॅफ को भी भुगतना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में मरीजों की एंटिजन टेस्टिंग की संख्या कम कर देने से और मेला अस्पताल में आरटीपीसीआर की रिपोर्ट न मिलने पर लोगों के गुस्से का सामना चिकित्सकों व स्टाॅफ को करना पड़ रहा है। बताते चले कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जनपद हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के बढती संख्या से सभी हैरान व परेशान है। जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल की ओर से कोरोना संक्रमण फैलाने से रोकने के लिए एंटिजन टेस्ट के बाद अस्पताल के भीतर प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। बताया जा रहा हैं कि शासन की ओर से एक एनजीओ स्टार इमेजिंग को एंटिजन टेस्टिंग का जिम्मा सौंपा गया है जोकि अस्पातल के परिसर पर एंटिजन टेस्टिंग करने में जुटी हैं लेकिन बीते रोज से एनजीओ ने अपने टेस्टिंग की संख्या में कमी कर दी गयी है। बताया जा रहा हैं कि पहले एनजीओ दो सौ से लेकर ढाई हजार टेस्टिंग करती थी अब वह केवल 50 मरीजों की ही टेस्टिंग कर रही है। जिससे उपचार के लिए पहुंच रहे मरीजों का एंटिजन न हो पाने पर उनको अस्पताल में प्रवेश नहीं मिल रहा है। जिस कारण लोगों को जिला अस्पताल में उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है। बताया जा रहा हैं कि वहीं मेला अस्पताल में भी आरटीपीसीआर टेस्टिंग का जिम्मा सीएमओ हरिद्वार कार्यालय की ओर से डीएनए नाम की एनजीओ को सौंपा गया है। जिसने पिछले करीब एक सप्ताह से टेस्टिंग करने की कमान सम्भाल रखी है। मगर जिन लोगों की टेस्टिंग की जा रही हैं उनकी रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। जिस कारण अपना आरटीपीसीआर कराने वाले लोग रोजाना मेला अस्पताल पहुंचकर अपनी रिपोर्ट की मांग कर रहे है लेकिन उनको रिपोर्टं के सम्बंध में कोई सकारात्मक जबाब नहीं मिल पाने पर उनके गुस्से का शिकार वहां तैनात चिकित्सकों व स्टाॅफ को होना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार वहां तैनात एक चिकित्सक ने आरटीपीसीआर करने वाले एनजीओ अधिकारी से वहां हो रही टेस्टिंग रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा तो एनजीओ अधिकारी ने दो टूक जबाब दिया कि इस सम्बंध में उनसे बात न की जाए। उसके लिए उनके अधिकारियों से बात करे। उनकी एनजीओ खुद नहीं आयी उनको एसीएमओ ने बुलाया है, उन्हीं से बात करे। जब चिकित्सक ने कहा कि जिन लोगों की टेस्टिंग हुई हैं वह लोग वहां पहुंचकर उनसे रिपोर्ट की मांग कर रहे हैं और उनके साथ झगड रहे है। जिस पर एनजीओ अधिकारी कोई जबाब दिये बिना ही वहां से चला गया। अब आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि मेला अस्पताल यानि कोविड-19 सेंटर के चिकित्सक व स्टाॅफ किन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभा रहे है। जिला व मेला अस्पताल का कार्यभार सम्भाल रहे डाॅ. चंदन मिश्रा ने बताया कि जिला अस्पताल ने एंटिजन टेस्टिंग करने की संख्या मे कमी कर दी है। पहले एनजीओ करीब ढाई सौ टेस्टिंग करती थी, अब 50 लोगों की एंटिजन टेस्ट किया जा रहा है। जिस कारण वहां पहुंचने वाले मरीजों को समुचित उपचार मिलने में परेशानी पैदा हो रही है। वहीं मेला अस्पताल में भी एनजीओ द्वारा की जा रही आरटीपीसीआर टेस्टिंग की रिपोर्ट उपलब्ध न कराने पर टेस्टिंग की रिपोर्ट लेने पहुंचने वाले लोगों का गुस्सा चिकित्सकों व स्टाॅफ को झेलना पड़ रहा है।
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