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EXCLUSIVE: बाबा अमरनाथ की तर्ज पर 7 अप्रैल से शुरू होगी टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा, जाने कहाँ है स्थित है टिम्मरसैंण

चमोली ब्यूरो
चमोली। बाबा अमरनाथ की तर्ज पर देश-दुनियां के तीर्थ यात्री अब उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली की नीती घाटी में स्थित टिंबरसैंण महादेव की यात्रा कर सकेंगे। चमोली जिला प्रशासन ने बीआरओ, आईटीबीपी एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते हुए 7 अप्रैल से टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा शुरू कराने का निर्णय लिया है। तीर्थ यात्री व पर्यटक नीती घाटी में बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए सड़क से डेढ किलोमीटर चढाई चढनी होगी। इसके साथ ही तीर्थ यात्री बाम्पा में पंचनाग देवता तथा गमशाली में हीरामणी माता मंदिर, पंचधारा आदि तीर्थ स्थलों के दर्शन के साथ ही नीती घाटी के नैसर्गिक सौन्दर्य का आनंद भी ले सकेंगे।
टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में क्लेक्ट्रेट सभागार में अहम बैठक हुई। जिसमें 7 अप्रैल से टिम्मरसैंण की यात्रा शुरू कराने का निर्णय लिया गया। जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधा के साथ साथ भोजन, पानी, शौचालय आदि जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिए है। सुरक्षा के दृष्टिगत टिम्मरसैंण जाने वाले यात्रियों को सुबह जाकर उसी दिन सायं तक वापस लौटना होगा। इसके लिए सुराईथोटा बैरियर से सुबह 11 बजे तक ही टिम्मरसैंण जाने की अनुमति दी जाएगी ताकि सभी यात्री महादेव के दर्शन करने के बाद उसी दिन लौट सके। जिलाधिकारी ने यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत मार्ग में एसडीआरएफ की तैनाती करने तथा गमशाली में चिकित्सकों की तैनाती कर स्वास्थ्य केन्द्र संचालित करने के निर्देश दिए। ताकि यात्रियों को गमशाली में चिकित्सा सुविधा मिल सके। बीआरओ एवं आईटीबीपी को यात्रा मार्ग को सुचारू रखने को कहा गया। बैठक में जिलाधिकारी ने क्षेत्र के ग्राम प्रधानों से भी सुझाव लिए। उन्होंने ग्राम प्रधानों को क्षेत्र में लोगों को होम स्टे संचालन के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। ताकि तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को यहाॅ रूकने की सुविधा मिले और क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिले।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार चन्याल, एसडीएम कुमकुम जोशी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी वृजेन्द्र पांडे, आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेट ललित पांडे, बीआरओ के कैप्टेन सुभम जेसवाल, ग्राम प्रधान मलारी मंगल सिंह, नीती से हेमलता देवी,, गमशाली से जशोदा देवी, बाम्पा से पितांबरी देवी आदि उपस्थित थे।
विदित हो कि सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ ब्लाॅक की प्रसिद्व नीति घाटी के अंतिम गांव से एक किमी पहले टिम्मरसैंण में पहाड़ी पर स्थित गुफा के अंदर एक शिवलिंग विराजमान है। इस पर पहाडी से टपकने वाले जल से हमेशा अभिषेक होता रहता है। इसी शिवलिंग के पास बर्फ पिघलने के दौरान प्रतिवर्ष बर्फ शिवलिंग का आकार लेता है। स्थानीय लोग इसे बर्फानी बाबा या टिम्बरसैंण महादेव के नाम से जानते है। इसे छोटा अमरनाथ, उत्तराखंड की अमरनाथ गुफा और बर्फानी बाबा भी कहते है। जिस स्थान पर बर्फ का शिवलिंग दिखाई देता है, उसे स्थानीय लोग बबूक उडियार के नाम से जानते है। यहाॅ पर दिसंबर से अप्रैल के मध्य बर्फ के शिवलिंग के दर्शन होते है। आईटीबीपी के हिमवीर भी यहाॅ पर भोले के दर्शन करने के बाद ही आगे बढते है। टिम्मरसैंण महादेव के प्रति लोगो की अगाढ़ आस्था और प्राकृतिक सौन्दर्य के कारणयह क्षेत्र तीर्थाटन तथा ट्राइबल टूरिज्म के रूप में विकसित हो रहा है। सावन महीने में रोंग्पा घाटी में मौजूद टिम्मरसैंण महादेव के दर्शनों के लिए दूर दूर से भक्त यहां पहुंचते है।

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