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हल्द्वानी हिंसा: डीएम ने दी कई अहम जानकारियां, दंगाइयों ने किया पेट्रोल बम का इस्तेमाल।

मनोज सैनी

हल्द्वानी। हल्द्वानी हिंसा पर नैनीताल की डीएम और एसएसपी ने प्रेस वार्ता कर कई अहम जानकारियां दी हैं। डीएम वंदना सिंह ने बताया कि 15 दिन से अतिक्रमण हटाने की ड्राइव चल रही थी। उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले से ही सूचना दी गई थी। डीएम वंदना ने बताया कि दंगाइयों ने पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया। इलाके में छतों पर पहले से ही पत्थर जमा किए गए थे।

डीएम वंदना सिंह ने आगे बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद हलद्वानी में विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी को नोटिस दिया गया और सुनवाई के लिए समय दिया गया। कुछ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ पक्षों को समय नहीं दिया गया। जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से तोड़फोड़ अभियान चलाया गया। यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष संपत्ति को टारगेट नहीं किया गया।

डीएम वंदना सिंह ने आगे बताया कि यह एक खाली संपत्ति है जिसमें दो ठांचे हैं, जो धार्मिक ढांचा के रूप में पंजीकृत नहीं है या इसे ऐसी कोई मान्यता नहीं दी गई है। कुछ लोग संरचना को मदरसा कहते हैं और कुछ लोग उसे नमाज स्थल कहते हैं। लेकिन उसका कानूनी तौर पर किसी भी दस्तावेज में अस्तित्व नहीं है।
डीएम ने बताया कि अतिक्रमण रोधी अभियान शांतिपूर्वक शुरू हुआ। सुरक्षा के लिए फोर्स तैनात की गई। इस दौरान हमारी नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया। योजना बनाई गई थी कि जिस दिन तोड़फोड़ अभियान चलाया जाएगा उस दिन फोर्स पर हमला किया जाएगा। पत्थरों के साथ आई पहली भीड़ तितर-बितर कर दी गई लेकिन जो दूसरी भीड़ आई उसके पास पेट्रोल बम थे। यह अकारण था और हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया।
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि हमने अतिक्रमण रोधी अभियान जारी रखने का फैसला किया क्योंकि संपत्तियों पर कोई स्टे नहीं थी। विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया। हमारी टीमों और संसाधनों को स्थानांतरित कर दिया गया और किसी को भी उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया गया। जान-माल को नुकसान पहुंचाने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। विध्वंस अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ। पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद, एक बड़ी भीड़ ने आधे घंटे के भीतर हमारी नगर निगम सहयोग टीम पर हमला कर दिया।

हल्द्वानी में डीएम और एसएसपी की संयुक्त प्रेसवार्ता में अब दो लोगों की मौत की मौत और तीन के गंभीर घायल होने का खुलासा हुआ तो क्या छह की मौत की खबर झूठी है?
डीएम ने कहा पिछले 5-6 दिन में छतो पर पत्थर जमा किये गये थे तो सवाल ये है तब सरकारी सिस्टम, इंटेलिजेंस विंग, बीट पुलिसिंग क्या कर रही थी? क्या नगर निगम की टीम केवल हाउस टैक्स लेने के लिए है ? क्या ज़िला प्रशासन की तमाम शाखाएँ ध्वस्त हो गई थी? भीड़ के हाथ में पट्रोल बम कहाँ से आए?

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