मनोज सैनी
हरिद्वार। लोकसभा चुनाव को लेकर हरिद्वार सहित पूरे उत्तराखंड में पल पल बदल रहे समीकरणों से लगता है की भाजपा के मोदी शाह की जोड़ी ने 400 पार के लिए बहुत पहले ही प्लान तैयार कर लिया था। उत्तराखंड में पौड़ी सीट को छोड़कर ऐसा लग रहा है कि सिर्फ भाजपा को वॉक ओवर देने के लिए ही प्रत्याशियों का चयन किया गया है, प्रत्याशियों के चयन में सबसे बड़ी भूमिका प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की लग रही है।
पुष्ट सूत्रों से ज्ञात हुआ है की उत्तराखंड के एक बड़े नेता, जिस पर अनेकों मामले चल रहे हैं, को भाजपा आलाकमान ने चुनावी बेला में अरविंद केजरीवाल की तर्ज परजेल भेजने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन नेता जी जेल न जाए इसके लिए उन्होंने अपनी शर्त रख दी जिसका असर आज कांग्रेस प्रत्याशियों के रूप में दिखाई दे रहा है। उसी प्रकार लगभग पिछले 2 सालों से पूरे जोर शोर से जनता केबिनेट पार्टी की तरफ से लोकसभा की तैयारी कर रही भावना पांडेय ने चुनाव से ऐन पहले लोकसभा चुनाव न लड़ने का एलान करते हुए बताया कि वह अब भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत का समर्थन और प्रचार करेंगी। दूसरी और बसपा ने पहले ही भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर रही है। भाजपा जीतने के लिए कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहती इसलिए चुनाव से ऐन पहले हरिद्वार सीट पर एक मुस्लिम चेहरा लाने जा रही है जिससे मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके क्योंकि यदि वीरेंद्र रावत मुस्लिम वोटों के कारण 1 प्रतिशत भी जीत रहे हों तो मुस्लिम वोटों को बांटा जा सके।
उधर निर्दलीय उमेश कुमार के बारे में भी लोगों की यही चर्चा है की संभव है अंतिम समय में उमेश कुमार भी चुनाव न लड़ने का एलान कर दे क्योंकि सोशल मीडिया में जिस प्रकार भाजपा नेताओं और मुख्यमंत्री के साथ उनकी तस्वीरें वायरल की जा रही है, उससे तो लगता है की उमेश कुमार भी भाजपा का ही एक चेहरा है और चुनाव से ऐन पहले वह भी त्रिवेंद्र के समर्थन में चुनाव नहीं लड़ने का एलान कर सकते हैं।
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