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मंत्री धन सिंह रावत के आदेश पर शासन ने दिए प्राथमिक शिक्षकों के 2100 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश।

रिक्तियों के सापेक्ष जनपदवार शीघ्र मांगे जायेंगे आवेदन

मनोज सैनी

देहरादून। प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत सहायक अध्यापकों के रिक्त 2100 पदों के सापेक्ष भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। जिसके तहत जनपदवार रिक्तियों के सापेक्ष आवेदन पत्र आमंत्रित किये जायेंगे। इस संबंध में निदेशक प्राथमिक शिक्षा को भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने के आदेश दे दिये गये हैं।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि वर्तमान में प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के करीब 2100 पद रिक्ति चल रहे हैं, जिनमें से लगभग 451 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्व से ही उच्च न्यायालय में निर्णयाधीन है। इन पदों को छोड़कर शेष 1649 रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती प्रक्रिया शुरू करने हेतु निदेशक प्राथमिक शिक्षा को निर्देश दे दिये गये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि प्राथमिक शिक्षकों का जनपद कैडर होने के कारण भर्ती संबंधी विज्ञप्ति भी जिला स्तर से ही जारी की जानी है। जिसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक के स्तर से जनपदवार रिक्तियों के सापेक्ष आवेदन मांगे जायेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से पिछले दो वर्षों से प्राथमिक शिक्षकों की निरंतर नियुक्ति कर रही है। जिसके तहत 3000 से अधिक रिक्त पदों को भरा जा चुका है। जबकि कुछ अभ्यर्थियों द्वारा एनआईओएस डीएलएड को शामिल करने को लेकर न्यायालय में चले जाने के कारण भर्ती प्रक्रिया बाधित हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के उपरांत राज्य कैबिनेट ने बेसिक शिक्षक सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन कर वर्ष 2017 से 2019 एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षुओं को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करने के साथ ही सहायक अध्यापक (विशेष शिक्षा) के पदों को नियमावली में शामिल कर लिया है। जिससे प्राथमिक शिक्षक आगामी भर्ती में इन अभ्यर्थियों को भी मौका मिलेगा। इस संबंध में शासन स्तर से भी निदेशक प्राथमिक शिक्षा को आदेश जारी कर दिये गये हैं, ताकि भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र प्रारम्भ किया जा सके। डॉ. रावत ने बताया कि प्राथमिक शिक्षकों की उक्त भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में शत-प्रतिशत शिक्षकों की तैनाती हो सकेगी, जिससे प्राथमिक शिक्षा के ढांचे को और मजबूत किया जा सकेगा।

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