आदेश त्यागी
देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा में ही सत्ता का नया केंद्र बनने के लिए प्रदेश भाजपा की अंदरूनी राजनीति की चिंगारी खासी सुलगी हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी धामी सरकार के पक्ष में खुलकर मैदान में आ गए हैं।
उनके बयान की पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य को विकास की गति दे रही है और राज्य के हित में अगले 10/12 साल तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही बने रहने देना चाहिए। ऐसी मांग उन्होंने मीडिया के जरिए भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से की है।
वहीं सांसद अनिल बलूनी का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा हैं जिसमें ऋतु खंडूरी की मौजूदगी में कोटद्वार में पासपोर्ट कार्यालय खुलने की केंद्र से अनुमति मिलने के बाद भी एक हस्ताक्षर की इंतजार में पासपोर्ट कार्यालय अटका हुआ है। यह बयान भाजपा की अंदरूनी लड़ाई को सीधे सीधे आमने सामने खड़ा कर रहा है।
उनका इशारा सीधे राज्य सरकार के मुखिया की ओर था। इस बयान के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की कुटिल मुस्कान प्रदेश भाजपा में सत्ता परिवर्तन की लड़ाई की ओर इशारा कर रही है।
इस बीच अनिल बलूनी के बयान को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पत्रकारों से कहा कि पासपोर्ट ऑफिस को लेकर अनिल बलूनी ने क्या बयान दिया और क्यों दिया इसके बारे में पुख्ता जानकारी अनिल बलूनी ही दे सकते हैं, लेकिन धामी सरकार राज्य में तेजी से विकास काम कर रही है।
धामी सरकार की कार्य शैली, खनन माफिया के वर्चस्व को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लोकसभा में ओर लोक सभा के बाहर बयान देकर धामी सरकार को कई बार खासा असहज कर चुके है।
2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा के क्षत्रपों में मचा “सत्ता संघर्ष” तेज हो गया है लेकिन सरकार ओर पार्टी संगठन का बेहतर समन्वय अपने ही लोगों की कुटिल चलो को नाकाम कर रहा है। वहीं कांग्रेस ने प्रदेश संगठन की कमान गणेश गोदियाल को सौंप कर जरूर धामी सरकार की घेराबंदी की कोशिश की है लेकिन इसका असर क्या होगा यह आने वाला समय ही बताएगा।

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