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शिवडेल स्कूल, हरिद्वार में “लेट्स टॉक” अभियान के अंतर्गत विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह पर विशेष कार्यक्रम आयोजित।

मनोज सैनी
हरिद्वार। शिवडेल स्कूल, हरिद्वार में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर “लेट्स टॉक” अभियान के अंतर्गत विविध जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह अभियान निदेशालय स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा वर्ष 2023 में प्रारंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य एवं भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देना है।


कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन से हुई, जिसमें पीजीटी श्रीमती प्रियंका शर्मा ने आत्महत्या के कारणों, लक्षणों और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को जागरूक करते हुए यह संदेश दिया कि मानसिक चुनौतियाँ सामान्य हैं और संवाद ही समाधान की पहली सीढ़ी है।
इसके उपरांत, कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने मानसिक स्वास्थ्य, भावनाओं और जीवन के महत्व पर सुंदर एवं रचनात्मक चित्रों तथा नारों के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। उनके कार्यों ने यह दर्शाया कि युवा वर्ग इस गंभीर विषय को समझ रहा है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम में चेयरमैन स्वामी शरद पुरी जी का विशेष संदेश भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने जीवन को ईश्वर का अनमोल उपहार बताते हुए आत्महत्या जैसे कदमों से दूर रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “जीवन में हर चुनौती के पीछे एक सीख छिपी होती है, और हर अंधकार के बाद प्रकाश अवश्य आता है।”
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अरविंद बंसल जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “संवाद और सहयोग आत्महत्या रोकथाम के सबसे प्रभावशाली साधन हैं। जब हम खुलकर बात करते हैं, तो हम समाधान की दिशा में पहला कदम बढ़ाते हैं।” उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे बच्चों की भावनात्मक ज़रूरतों को समझें और उन्हें एक सुरक्षित तथा भरोसेमंद वातावरण प्रदान करें।
कार्यक्रम में कुशल धीमान और नीलम चौधरी भी उपस्थिति रहे। उन्होंने भी छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के प्रति जागरूक करते हुए, जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी।
कोऑर्डिनेटर श्री विपिन मलिक ने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियाँ छात्रों को न केवल मानसिक रूप से सशक्त बनाती हैं, बल्कि उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक सुरक्षित मंच भी प्रदान करती हैं।

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