
सुनील मिश्रा
हरिद्वार। हरिद्वार की पावन गंगा आरती को आधिकारिक रूप से ऑक्सफोर्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त हुआ है। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे भारत की आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत के लिए ऐतिहासिक क्षण है।
प्रतिदिन हरिद्वार के हर की पैड़ी पर संपन्न होने वाली गंगा आरती, अपने दिव्य वातावरण, वैदिक मंत्रोच्चार, दीपों की हजारों ज्योतियों और भक्तों की सामूहिक उपस्थिति के कारण विश्वभर के पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रही है। अब इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व की सबसे भव्य एवं निरंतर आयोजित होने वाली आरतियों में से एक के रूप में मान्यता मिली है।
गंगा आरती की परंपरा को एक शताब्दी से अधिक समय हो चुका है। पंडित मदन मोहन मालवीय जी के प्रयासों से 1916 के दशक में इसकी शुरुआत हुई थी। आज यह आरती प्रतिदिन तीन बार हजारों भक्तों की उपस्थिति में संपन्न होती है और इसका सीधा प्रसारण भी दुनिया के विभिन्न हिस्सों में देखा जाता है।
श्री गंगा सभा के अध्यक्ष श्री नितिन गौतम ने कहा कि गंगा आरती मात्र एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की आत्मा है। दीपों की लौ और वेदों की ध्वनि के बीच गूंजता यह अद्भुत दृश्य पूरे विश्व को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का संदेश देता है। विश्व रिकॉर्ड में शामिल होना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है।
ऑक्सफोर्ड बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के संर पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा की “हरिद्वार की गंगा आरती सदियों से करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र रही है। यह मान्यता केवल हरिद्वार की नहीं, बल्कि पूरे भारत की आध्यात्मिक शक्ति का सम्मान है। गंगा माता के चरणों में होने वाली यह आरती विश्व शांति, प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है।”
“गंगा आरती अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है। ऑक्सफोर्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इसका दर्ज होना यहां पर्यटन, धार्मिक गतिविधियों और सांस्कृतिक धरोहरों को नई ऊँचाई देगा। सरकार और प्रशासन इसके संरक्षण और प्रसार के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
गंगा आरती का महत्व
गंगा आरती न केवल धार्मिक महत्व रखती है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अद्वितीय है। दीपदान, वैदिक उच्चारण और सामूहिक प्रार्थना के माध्यम से यह आरती विश्व शांति, मानव कल्याण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है।
हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु मानते हैं कि गंगा आरती में सम्मिलित होकर उन्हें आत्मिक शांति और दिव्यता का अनुभव होता है। यही कारण है कि अब यह समारोह केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बन चुका है।
गंगा आरती का ऑक्सफोर्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल होना भारतीय संस्कृति और आस्था का वैश्विक उत्सव है। यह उपलब्धि हरिद्वार को एक नई पहचान देती है और यह संदेश देती है कि भारत की परंपराएँ और आध्यात्मिक धरोहरें आज भी विश्व का मार्गदर्शन कर रही हैं।
कल दोपहर में श्री गंगा सभा में ऑक्सफ़ोर्ड बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड सौंपा जाएगा। इस संदर्भ में अगले वर्ष श्री गंगा सभा के प्रतिनिधि ऑक्सफोर्ड यूनियन में आयोजित होने वाले समारोह में भी भाग लेंगे !
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