
मनोज सैनी
हरिद्वार। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल ने देश की महारत्न कंपनी भेल, हरिद्वार के भंडार गृह से करोड़ों रुपये के मैटल की चोरी का खुलासा करते हुए 4 आरोपियों सुशील पुत्र इसम सिंह निवासी पठानपुरा थाना झिझांणा जनपद शामली उ.प्र. (आठवीं पास) (सरगना), मोहन पुत्र ब्रहमनाथ कश्यप निवासी दीनारपुर भगवानपुर चौक नागल सहारनपुर (अनपढ़), सुन्दर पुत्र बाबूराम सिंह जाटव निवासी पट्टी खादर थाना मण्डी धनोरा अमरोहा उ.प्र. (बीए पास), शाहनवाज उर्फ शानू कबाडी पुत्र मोबिन निवासी मौहल्ला चौहानान थाना ज्वालापुर हरिद्वार (अनपढ़) को गिरफ्तार करने के साथ साथ कई चौंकाने वाले खुलासे करते हुए आरोपियों के कब्जे से लाखों रुपए का माल भी बरामद किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से एक आरोपी ज्वालापुर का कबाड़ी भी है जो उनसे चोरी का माल खरीदता था। उपरोक्त के साथ साथ मुजफ्फरनगर के एक कबाड़ी समेत दो आरोपी अभी फरार बताए गए हैं, उनकी तलाश में पुलिस जुटी है।
बता दें कि भेल में पिछले दिनों श्रमिक यूनियनों ने एक करोड रुपए से अधिक का माल चोरी होने का खुलासा करते हुए प्रबंधन के आला अधिकारियों से शिकायत की थी। मामला मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद स्थानीय स्तर पर अधिकारी हरकत में आए और इस मामले में रानीपुर कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस कप्तान प्रर्मेंद्र डोबाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरोपियों की धरपकड़ और घटना का खुलासा करने के लिए रानीपुर कोतवाली प्रभारी विजय सिंह और एसओजी प्रभारी निरीक्षक ऐश्वर्य पाल के नेतृत्व में पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम का गठन किया गया था। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के साथ ही पुलिस ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया।
चेकिंग के दौरान सलेमपुर की तरफ से आ ही एक संदिग्ध काली स्कॉर्पियो रोकने का इशारा किया गया तो स्कॉर्पियो चालक नें तेजी से गाडी मोड़कर गाड़ी भगाने की कोशिश की। पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए गाड़ी को घेर लिया। गाड़ी रुकने पर पुलिस टीम ने वाहन की तलाशी लेते हुए चालक सुशील व अन्य संदिग्ध शानू, सुन्दर व मोहन से पीछे डिग्गी में रखे बोरों के बारे में पूछा तो कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। बोरों खोलकर देखने पर कुल 14 बोरों में चमकीली धातु के बार/ सिल्लियाँ व धातुओं का भारी गला हुआ कबाड बरामद हुआ। चारों संदिग्ध से सख्ती से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि आरोपी सुशील, मोहन व सुंदर ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर पिछले महीने बी०एच०ई०एल० स्टोर से चोरी की थी। जिसमें से आधी सिल्लियाँ इन्होंने शानू को दी। पहले बेचे हुए माल से मिली रकम से ही स्कॉर्पियों गाड़ी खरीदी गई थी। बाकी बची हुई को आरोपी आज शानू के साथ मिलकर मुज्जफ्फरनगर के कबाडी को बेचने जा रहे थे लेकिन पुलिस की सतर्कता के कारण पकड़े गए।
स्कॉर्पियो से बरामद दोनों प्रकार के माल का कुल वजन लगभग 768 कि.ग्रा. जो चोरी किए गए सामान का करीब 50% है। चारों आरोपितों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही जारी है। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि पूरे गिरोह का सरगना सुशील है और सुंदर उसका साला है। आरोपियों की धर पकड़ में रानीपुर कोतवाली प्रभारी विजय सिंह के नेतृत्व में एसएसआई नितिन चौहान की अहम भूमिका रही है। अहम सुराग हाथ लगने पर तीन शातिर चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ के बाद चोरी का माल खरीदने वाले ज्वालापुर के एक कबाड़ी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में यह भी पता चला कि ज्वालापुर के कबाड़ी शाहनवाज उर्फ शानू से मुजफ्फरनगर के एक अन्य कबाड़ी इंतजार ने चोरी का माल खरीदा था, उसकी तलाश भी की जा रही है। पूरे घटनाक्रम में भेल के अंदर से मिली भगत होने के सवाल पर एसएसपी ने बताया कि हर एंगल से छानबीन अभी चल रही है। आरोपियों के साथ और कौन लोग इस घटना में शामिल हैं, इसका पता लगाया जा रहा है, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपियों ने बताया की उन्होंने कई दिन रैकी करने के बाद चोरी की घटना को अंजाम दिया है। एसएसपी ने बताया कि कई दिन तक उन्होंने माल चोरी करने के बाद आसपास जंगल में छुपा कर रखा। इसके बाद भेल से लीडो क्लब के पास बाहर निकलने वाले नाले के रास्ते से चोरी का माल खींच कर बाहर लाया गया। यहां से कबाड़ी ने अपनी गाड़ी में माल ज्वालापुर ले जाकर ठिकाने लगाया। इसके बाद मुजफ्फरनगर के कबाड़ी इंतजार को चोरी का माल बेचा गया।
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